अब भारत सरकार भी यह मान रही है कि सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी की वृद्धि दर 4.50 कम हो जाएगी।

वित्त मामलों के विभाग यानी डीईए ने सोमवार को जारी एक रिपोर्ट में कहा है कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने यह कहा है कि कोविड-19 की वजह से आपूर्ति-माँग को लगे अभूतपूर्व झटके से जीडीपी 4.5 प्रतिशत सिकुड़ेगा।

वित्त मंत्रालय ने यह भी कहा है कि कोरोना रोकथाम के लिए लॉकडाउन लगाया गया जिससे आर्थिक नुक़सान हुआ है। लॉकडाउन में ढील दिए जाने के बाद स्थिति सुधरने लगी है। पूंजी बाज़ार में कुछ नुक़सान की भरपाई कर ली गई है। हालांकि अर्थशास्त्रियों का कहना है कि महामारी शुरू होने के पहले की स्थिति में लौटने में काफी समय लगेगा।

आर्थिक मामलों के विभाग (डीईए) की रिपोर्ट की मुख्य बातें