राजनीति सचाई से ज़्यादा इमेज का खेल है। सचाई कैसी भी हो उसे मीडिया के ज़रिये तोड़ा-मरोड़ा भी जा सकता है और एक हद तक मन मुताबिक जनता को अपने पक्ष में किया भी जा सकता है। इस बात को प्रधानमंत्री मोदी से बेहतर कौन जानता है? गुजरात दंगों का कलंक झेलने वाले बने रहे मोदी लंबे समय तक एक तबके की नज़र में खलनायक बने रहे। वही मोदी 2014 के बाद एक ‘हीरो’ बन कर उभरे, एक ऐसे शख्स के रूप में जो भारत की तक़दीर बदल सकता है।