1959 में भारत पहुँचने के बाद डॉक्टर मार्टिन लूथर किंग जूनियर ने कहा था, ‘दूसरे देश मैं एक पर्यटक की तरह जाता हूँ, लेकिन भारत आना मेरे लिए तीर्थ यात्रा जैसा है। भारत वह भूमि है, जिसने सामाजिक बदलाव के लिए अहिंसा के तरीके को अपनाया और जिसका प्रयोग हमारे लोगों ने मॉन्टगोमरी, अलाबामा और दक्षिण अमेरिका के दूसरे इलाक़ों में किया और हमें लगा कि यह तरीका बहुत प्रभावी और स्थायी है, यह काम करता है।’
मोदी का लेख : गाँधी की नज़र में भारतीय राष्ट्रवाद भेदभावपूर्ण नहीं था
- विचार
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- 2 Oct, 2019

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गाँधी की 150वीं जयंति के मौके पर अमेरिका से प्रकाशित होने वाले अख़बार न्यूयॉर्क टाइम्स में एक लेख लिखा है, जिसमें उन्होंने दक्षिण अफ्रीका से लेकर भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में गाँधी के संघर्षों की चर्चा की है। हम वह लेख यहाँ अनुवाद कर पेश कर रहे हैं।