नसीरुद्दीन शाह के बयानों पर प्रतिक्रिया देने से पहले हमें यह सोचना चाहिए कि उन्होंने ऐसी बात किन तथ्यों को लेकर कही है और इसके पीछे की वजह क्या है। दरअसल, हम सब एक ऐसे दौर से गुज़र रहे हैं जब हमें सवाल सुनना पसंद ही नहीं है। क़ाबिले-ग़ौर बात यह भी है कि सवाल से ज़्यादा हंगामा इस बात पर है कि सवाल पूछ कौन रहा है।
पक्ष : नसीर ने वही कहा, जो हम सब देख रहे हैं
- विचार
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- 21 Dec, 2018
नसीरुद्दीन ने बुलंदशहर हिंसा पर बयान क्या दे दिया, हिंदूवादी संगठन और न्यूज़ चैनल भी उन्हें ग़लत साबित करने में लग गए। आख़िर यह तो सोचना चाहिए कि उन्होंने ऐसा क्यों कहा है।

ऐसा पहली बार नहीं है जब किसी ने ऐसा बयान दिया हो। इससे पहले आमिर ख़ान ने एक कार्यक्रम में कहा था कि ‘देश के उग्र माहौल को लेकर चिंतित उनकी पत्नी किरण ने उनसे देश छोड़ने तक का ज़िक़्र किया था।’ तब भी वही स्थिति थी। फ़र्क़ बस इतना था कि तब ट्रोल और न्यूज़ चैनलों के प्राइम टाइम में बहस के केंद्र में आमिर ख़ान थे और अब नसीरुद्दीन शाह हैं|