भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) की निष्पक्षता और विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। विपक्षी दलों, विशेष रूप से कांग्रेस पार्टी, ने अब बिहार को लेकर हरियाणा और महाराष्ट्र चुनावों में मतदाता सूचियों में की गई हेराफेरी की आशंका जताई है। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने इंडियन एक्सप्रेस में एक लेख लिखकर दावा किया कि इन राज्यों में मतदाता सूचियों में हेरफेर कर "चुनाव चोरी" किया गया और अगला निशाना बिहार हो सकता है, जहां जल्द ही विधानसभा चुनाव होने हैं।
हालांकि, चुनाव आयोग ने इन आरोपों को खारिज कर दिया है, लेकिन वह ठोस जवाब देने में असमर्थ रहा है। बीजेपी ने चुनाव आयोग के बचाव में राहुल गांधी को घेरने के लिए अपने नेताओं, मंत्रियों की फौज उतार दी है। देश के हर प्रमुख राज्य और शहरों में राहुल गांधी को निशाना बनाते हुए बीजेपी नेता प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे हैं। महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस ने बिना कोई ठोस तर्क दिए जवाब में इंडियन एक्सप्रेस और लोकसत्ता में लेख लिखा है।
राहुल गांधी ने दावा किया कि 2019 से 2024 के बीच महाराष्ट्र की मतदाता सूची में करीब 30 लाख मतदाताओं को जोड़ा गया, जिसमें से कई फर्जी हो सकते हैं। कांग्रेस का कहना है कि जुलाई और नवंबर 2024 के बीच 50 विधानसभा क्षेत्रों में औसतन 50,000 मतदाता जोड़े गए, जिनमें से 47 सीटों पर सत्तारूढ़ 'महायुति' गठबंधन ने जीत हासिल की। पार्टी के नेताओं ने जब मतदाता सूची मांगी तो चुनाव आयोग ने बहानेबाजी की।
कांग्रेस ने हरियाणा में 20 विधानसभा क्षेत्रों में मतगणना प्रक्रिया में अनियमितताओं का आरोप लगाया, जिसमें ईवीएम की बैटरी स्थिति (99% पर काम करना) और मतगणना में देरी शामिल है। आयोग पर आरोप है कि मतदाता सूचियों से विपक्षी समर्थकों के नाम हटाए गए और सत्तारूढ़ दलों के पक्ष में फर्जी मतदाता जोड़े गए।
कांग्रेस ने मतदाता सूचियों की इलेक्ट्रॉनिक कॉपी की मांग की है ताकि स्वतंत्र जांच हो सके। कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने 2009 से 2024 तक हरियाणा और महाराष्ट्र की मतदाता सूचियों की कॉपी के लिए दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की। 25 फरवरी 2025 को, आयोग ने कोर्ट को बताया कि उसे फैसला लेने के लिए तीन महीने का समय चाहिए। अभी तक चुनाव आयोग कोई फैसला नहीं ले पाया।
20 मार्च और 17 अप्रैल 2025 को कांग्रेस प्रतिनिधियों ने महाराष्ट्र के मुख्य चुनाव अधिकारी से मुलाकात की, लेकिन 22 मई को दिए जवाब में केवल प्रक्रियाओं का हवाला दिया गया, न कि डेटा साझा करने से इनकार का कारण। पिछले चार महीनों में कांग्रेस ने आयोग से कई बार मुलाकात का समय मांगा, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों का कहना है कि आयोग की "अहंकारी" और "अपमानजनक" प्रतिक्रियाएं उसकी निष्पक्षता पर सवाल उठाती हैं। पार्टी ने आयोग पर संवैधानिक कर्तव्यों का पालन न करने और सत्तारूढ़ दलों के पक्ष में काम करने का आरोप लगाया है। सोशल मीडिया पर भी यह मुद्दा गर्म है, जहां कई यूजर्स ने आयोग की जवाबदेही पर सवाल उठाए हैं।
हरियाणा और महाराष्ट्र की मतदाता सूचियों में हेरफेर का मुद्दा भारत के लोकतंत्र की पारदर्शिता और निष्पक्षता के लिए एक गंभीर चुनौती है। चुनाव आयोग की चुप्पी और अस्पष्ट जवाबों ने विवाद को और गहरा दिया है। बिहार चुनाव से पहले, यह जरूरी है कि आयोग पारदर्शिता सुनिश्चित करे और विपक्ष की मांगों का ठोस जवाब दे। अन्यथा, उसकी विश्वसनीयता पर सवाल और गहरा सकते हैं।
दरअसल, कांग्रेस नेताओं की चिन्ता बिहार को लेकर है, जहां नवंबर 2025 से पहले विधानसभा चुनाव होने हैं। आयोग ने बिहार में मतदाता सूची को दुरुस्त करने के लिए कदम उठाए हैं, जैसे डुप्लिकेट EPIC नंबर हटाना और मृत मतदाताओं के नाम हटाने के लिए रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया के डेटा से मिलान। हालांकि, विपक्ष को आशंका है कि बिना पारदर्शिता के ये कदम भी हेरफेर का हिस्सा हो सकते हैं।
राहुल के खिलाफ बीजेपी नेता मैदान में
राहुल गांधी ने अपने लेख में जब चुनाव आयोग की बखिया उधेड़ी तो बीजेपी ने देशभर में अपने नेताओं को राहुल को जवाब देने को कहा। फरीदाबाद (हरियाणा) से लेकर औरंगाबाद (महाराष्ट्र) तक रविवार को बीजेपी नेता बयान देते या प्रेस कॉन्फ्रेंस करते पाए गए। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी इंडियन एक्सप्रेस और लोकसत्ता में राहुल गांधी को जवाब देते हुए लेख लिखे।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने रविवार को लिखा कि कांग्रेस सांसद राहुल गांधी 2024 के राज्य विधानसभा चुनावों में हार पर आत्मचिंतन करने के बजाय, लोगों द्वारा दिए गए जनादेश को नकार रहे हैं, क्योंकि लोगों ने उन्हें नकार दिया है। फडणवीस ने इंडियन एक्सप्रेस और मराठी दैनिक लोकसत्ता में प्रकाशित अपने लेखों में कहा कि लोकसभा में विपक्ष के नेता बिहार सहित आगामी विधानसभा चुनावों में भविष्य की हार के लिए अपने बहाने तैयार कर रहे हैं।
फडणवीस ने अपने लेख में कहा कि कांग्रेस नेता लगातार लोकतांत्रिक प्रक्रिया और जनादेश का "अपमान" कर रहे हैं। भाजपा नेता ने आरोप लगाया, "लोगों ने राहुल गांधी को नकार दिया है और बदले में वह लोगों और उनके जनादेश को नकार रहे हैं।" उन्होंने कहा, "एक बार हार स्वीकार करना और आत्मचिंतन करना अधिक समझदारी होगी कि आप कहां गलत हो रहे हैं, लोगों के साथ आपका जुड़ाव कहां कम है और आपको इसके बारे में क्या करना चाहिए।"
फडणवीस ने कहा, "जहां तक महाराष्ट्र चुनाव का सवाल है, यह मूल रूप से महायुति और महा विकास अघाड़ी के बीच मुकाबला नहीं था। एक और कारक था: भारत जोड़ो अभियान। लेकिन यह "जोड़ो" के नाम वाला 'तोड़ो' अभियान साबित हुआ। यह अभियान देश की सभी संवैधानिक संस्थाओं के खिलाफ जनता के बीच गलतफहमियां पैदा कर रहा है, जिससे उन्हें देश के खिलाफ लड़ने के लिए उकसाया जा रहा है। इसमें न्यायपालिका और चुनाव आयोग भी शामिल हैं। फडणवीस ने कहा कि 1950 से लेकर नया कानून बनने तक (पिछली) कांग्रेस सरकारें सीधे मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति करती थीं।
अब तक नियुक्त किए गए 26 आयुक्तों में से 25 को सीधे केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त किया गया है। उन्होंने कहा कि पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक ऐसी समिति बनाई है जिसमें विपक्ष के नेता या सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी (विपक्ष में) के नेता को शामिल किया गया है।
2024 के महाराष्ट्र चुनावों में मतदाताओं की संख्या में वृद्धि पर गांधी की आपत्ति का जिक्र करते हुए, जिन्हें उन्होंने "फर्जी मतदाता" कहा, फडणवीस ने कहा कि युवा मतदाताओं की संख्या लगातार बढ़ रही है। उन्होंने कहा, "2014 से 2019 के बीच 63 लाख नए मतदाता जुड़े; 2009 से 2014 तक 75 लाख नए मतदाता जुड़े; और 2004 से 2009 तक 1 करोड़ नए मतदाता जुड़े। इसका मतलब है कि 2024 में कुछ भी असाधारण नहीं हुआ।"
सीएम ने लिखा- 2004 में विधानसभा चुनावों में लोकसभा चुनावों की तुलना में 5 प्रतिशत अधिक मतदान हुआ था। 2009 में 4 प्रतिशत अधिक मतदान हुआ; 2014 में 3 प्रतिशत अधिक मतदान हुआ; 2019 में 1 प्रतिशत अधिक मतदान हुआ; और 2024 में 4 प्रतिशत अधिक मतदान हुआ। इसलिए, 2024 में कुछ भी नया नहीं हुआ।
फजणवीस ने लिखा- "मतदान प्रतिशत में अचानक वृद्धि का दावा एक बड़ा मज़ाक है। क्या राहुल गांधी को यह नहीं पता कि शाम 5 बजे से शाम 6 बजे तक मतदान का समय भी है, और शाम 6 बजे तक बूथ पर कतार में मौजूद हर व्यक्ति को अपना वोट डालने की अनुमति है?"
संजय राउत का हमला
शिवसेना यूबीटी के सांसद संजय राउत ने फडणवीस को जवाब देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री चाहे लेख लिखें या गीता। कोई फर्क नहीं पड़ता। राहुल गांधी ने बहुत सही मुद्दे उठाए हैं। फडणवीस क्यों चुनाव आयोग का बचाव कर रहे हैं। चुनाव आयोग के बचाव में पूरी बीजेपी उतर पड़ी है। राहुल गांधी का लेख देश के लाखों लोगों तक पहुंच चुका है. लेकिन फडणवीस का लेख तो मैंने ही नहीं पढ़ा तो जनता ने कहां से पढ़ा होगा। राउत ने कहा कि राहुल गांधी का यह कहना बिल्कुल सही है कि महाराष्ट्र का चुनाव चोरी किया गया है।