वाराणसी में आज देर रात तक रोड शो चले। सभी में भीड़ उमड़ी। भीड़ देखकर जो अंदाजा लगाएगा, समझिए बनारस में ठगा जाएगा।
सातवें और अंतिम चरण में 54 सीटों पर मतदान होना है। जिन जिलों में मतदान होगा उनमें- आजमगढ़, मऊ, जौनपुर, गाजीपुर, चंदौली, वाराणसी, मिर्जापुर, भदोही और सोनभद्र शामिल हैं।
पूर्वांचल में छठे चरण के मतदान के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने आज जौनपुर और चंदौली में दो रैलियों को संबोधित किया। आज उनके भाषण से यूक्रेन गायब था। दोनों ही रैलियों में उन्होंने कोई खास बात नहीं। पहले की तरह परिवारवादियों पर हमला बोला।
ममता ने जय श्री राम के नारों का जवाब जय हिंद और जय यूपी के नारों से दिया। ममता बनर्जी समाजवादी पार्टी के समर्थन में प्रचार के लिए उत्तर प्रदेश आई हुई हैं।
उत्तर प्रदेश के चुनावी दंगल में बीजेपी और सपा के बीच कड़ा मुकाबला है। क्या सपा बीजेपी को सत्ता से बेदख़ल कर सकती है?
बीजेपी को 2017 के विधानसभा चुनाव में इन 57 में से 46 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। इस बार मुक़ाबला बेहद कड़ा है। जानिए, कितनी हुई वोटिंग।
प्रधानमंत्री मोदी ने आज पूर्वांचल की दो जनसभाओं में फिर यूक्रेन से भारतीयों की वापसी का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि भारतीयों की वापसी देश की बढ़ती ताकत का प्रतीक है।
यूपी के कुशीनगर में पूर्व मंत्री और ओबीसी नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के काफिल पर कल हुए हमले का वीडियो सामने आया है, जिससे सारी सच्चाई सामने आ गई। आप भी देखिए वीडियो।
कुशीनगर और फाजिलपुर में कल मतदान है लेकिन उससे पहले आज पूर्व मंत्री और ओबीसी के बड़े नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के काफिले पर हमला किया गया। हमले का आऱोप बीजेपी पर लगा है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इंडियन एक्सप्रेस को दिए गए इंटरव्यू में अखिलेश यादव की पिछली सरकार के बारे में सवालों के जवाब दिए लेकिन योगी के भावी पीएम बनने के सवाल का जवाब वो टाल गए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी से ही सांसद हैं और इस नाते बीजेपी को उम्मीद है कि पार्टी को अंतिम चरण में इसका बड़ा फायदा मिलेगा।
पांच राज्यों के चुनाव नतीजे 10 मार्च को आएंगे और जिन राज्यों में कांग्रेस सरकार बनाने लायक विधायक जुटा लेगी वहां उसे तोड़फोड़ होने का खतरा ज्यादा रहेगा। ऐसे में कांग्रेस अपनी तैयारी कर रही है।
उत्तर प्रदेश में अब तक 292 सीटों पर मतदान हो चुका है और 111 सीटों पर होना बाकी है।अब तक के चरणों में बीजेपी और सपा गठबंधन के बीच जोरदार टक्कर देखने को मिली है।
योगी आदित्यनाथ के विधानसभा चुनाव लड़ने से क्या बीजेपी को गोरखपुर जिले और आसपास की सीटों पर कोई फायदा मिलेगा?
प्रधानमंत्री मोदी पूर्वांचल के चुनाव के मद्देनजर अब राष्ट्रवाद को बीच में लाए हैं। उन्होंने आज महाराजगंज और बलिया में राष्ट्रवाद पर जनता से वोट मांगे।
कुंडा के तथाकथित राजा यानी राजा भैया की वजह से कुंडा एक बार फिर सुर्खियों में है। पुलिस ने उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है। उन पर कई एफआईआऱ पहले से भी दर्ज है। लेकिन राजा भैया के खिलाफ मायावती के मुख्यमंत्री काल को छोड़कर कभी ठीक से कार्रवाई नहीं हुई। यही राजा भैया अखिलेश सरकार में मंत्री तक रह चुके हैं।
चुनाव आयोग की विश्वसनीयता पर आखिर लगातार सवाल क्यों खड़े हो रहे हैं? क्या ऐसे में स्वतंत्र व निष्पक्ष चुनाव संभव हैं?
मणिपुर में इस बार बीजेपी और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला है। कुछ जगहों पर एनपीपी और एनपीएफ़ मुक़ाबले को त्रिकोणीय बना रहे हैं।
पीएम मोदी का रविवार को यूपी में बहुत व्यस्त कार्यक्रम रहा। लेकिन वाराणसी में उनकी गतिविधियों पर ध्यान दिया जाना चाहिए। उसके राजनीतिक निहितार्थ हैं। जानिए पूरी कहानी।
केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने आज बलिया में कहा कि हमारी सरकार फिर से बनी तो होली-दिवाली पर गैस सिलेंडर मुफ्त मिलेगा। राजनाथ के वादे की हकीकत बताती यह रिपोर्ट।
पूर्वी उत्तर प्रदेश का बस्ती शहर हर नजरिए पिछड़ा हुआ है। यहां गरीबी भी बहुत है। लेकिन पीएम मोदी ने आज यहां अपनी रैली में यूक्रेन का जिक्र करते नजर आए। छात्रों की वापसी के लिए अपनी सरकार की तारीफ कर डाली।
उत्तर प्रदेश में पाँचवें चरण के लिए 54.98 फ़ीसदी मतदान हुआ। इस चरण में 12 ज़िलों की 61 सीटों पर वोटिंग हुई।
पूर्वी उत्तर प्रदेश के सिराथू में कौन जीत रहा है। कल यहां मतदान है। डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य यहां से दो बार लगातार जीत चुके हैं लेकिन इस बार समीकरण बदले हुए हैं।
अयोध्या में कल मतदान है। बीजेपी समेत पूरे देश की नजरें यहां के चुनाव पर लगी है। कुछ सवालों के जवाब तलाशने की कोशिश की गई है, आप भी जानिए।
उत्तर प्रदेश में पांचवें चरण के चुनाव में कौन बाजी मारेगा? इस चरण में कांग्रेस के गढ़ अमेठी और रायबरेली से लेकर राम मंदिर आंदोलन के केंद्र अयोध्या में भी मतदान होना है।
पूर्वांचल यूपी चुनाव की जान है। यहां के 12 जिलों की सीटों पर प्रभुत्व के लिए हर चुनाव में समीकरण बदलता रहता है। कभी सोशल इंजीनियरिंग हावी हो जाता है तो कभी मंदिर का मुद्दा। इस बार सत्ता विरोधी लहर भी एक समीकरण है। जानिए किस तरफ जाएगा यह चुनाव।