गुजरात के बिलकीस बानो गैंगरेप केस में दोषी करार एक मुजरिम को भाजपा सांसद और विधायक के साथ सरकारी कार्यक्रम में शिरकत करते मंच पर देखा गया। टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने इस संबंध में वो फोटो ट्वीट करते हुए कड़ी टिप्पणी की है।
दिल्ली यूनिवर्सिटी ने 8 छात्रों पर बीबीसी डॉक्यूमेंट्री देखने पर कार्रवाई की है। डीयू के इस शर्मनाक कदम की चौतरफा निन्दा हो रही है। हाल ही में गुजरात दंगों पर नरेंद्र मोदी की भूमिका को लेकर बीबीसी ने दो हिस्सों में डॉक्यूमेंट्री जारी की थी। सरकार ने इस पर बैन लगा दिया। सोशल मीडिया से हटवा दिया। सरकार के इस कदम के विरोध में तमाम कैंपस में इसका आयोजन हुआ था।
बीबीसी के भारत स्थित दफ्तरों पर आज गुरुवार को तीसरे दिन भी आयकर विभाग का सर्वे जारी है। बीबीसी ने हाल ही में पीएम मोदी और गुजरात दंगे 2002 पर डॉक्यूमेंट्री का प्रसारण किया था। भारत के विपक्षी दलों और विश्व मीडिया ने छापों को सरकारी प्रतिशोध की कार्रवाई बताया है।
भारत में बीबीसी के दफ्तरों पर किए गए आयकर सर्वे पर विदेशी मीडिया तीखी प्रतिक्रिया दे रहा है। उसका कहना है कि गुजरात जनसंहार 2002 पर बीबीसी डॉक्यूमेंट्री की वजह से सर्वे किए गए।
बिलकीस बानो के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म और उनके परिवार के सदस्यों की हत्या के मामले में 11 दोषियों की रिहाई क्या रद्द होगी? जानिए, सुप्रीम कोर्ट ने अब क्या फ़ैसला लिया।
बीबीसी की गुजरात फिल्म पर हंगामा जारी है । जेएनयू में फिल्म की स्क्रीनिंग ने हो इसलिये बिजली काट दी गयी, इंटरनेट को बंद कर दिया गया, फिल्म देखने वालों पर पत्थर फेंके गये । जामिया में पुलिस बुला ली गई ? आख़िर इतनी घबराई हुयी क्यों है सरकार ? क्या प्रधानमंत्री को इस फिल्म ये इतना डर लगता है ?
गुजरात पर बीबीसी की डाक्यूमेंट्री को लेकर कई विश्वविद्यालयों में हंगामा हो रहा है. जेएनयू से लेकर जामिया तक और केरल से लेकर आंध्र तक. आज की जनादेश चर्चा.
जेएनयू के बाद जामिया में एसएफआई ने आज बुधवार को शाम 6 बजे बीबीसी डॉक्यूमेंट्री दिखाने की घोषणा की थी। लेकिन उससे पहले छात्रों ने शाम 4 बजे प्रदर्शन किया। जामिया प्रशासन ने फिल्म दिखाने पर रोक लगा दी है। दिल्ली पुलिस ने छात्र नेताओं को हिरासत में लिया है। देश के तमाम हिस्सों में सरकार की इच्छा के विरूद्ध इस फिल्म का प्रसारण जमकर हो रहा है।
आख़िर बीबीसी की फिल्म को रुकवाने से किसको फ़ायदा होगा ? इस फिल्म में एक भी तथ्य नया नहीं है ? एक भी ऐसी चीज नहीं है जो लोगों को पता न हो ? जब सुप्रीम कोर्ट से क्लीन चिट मोदी को मिल चुकी है तो फिर डर काहे का ? आशुतोष के साथ चर्चा में विनोद अग्निहोत्री, अरविंद सिंह और पंकज श्रीवास्तव ।
गुजरात के दंगों की गुप्त ब्रिटिश जांच और उस पर बनी बीबीसी की डॉक्युमेंट्री पर भले ही भारत में बैन लग गया हो लेकिन इस बहाने गुजरात दंगों को लेकर वो तमाम सवाल फिर से उभर आए हैं जो उस समय उठे थे...और आज भी उठ रहे हैं।
इंग्लैंड में बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री ‘इंडिया : द मोदी क्वेश्चन’ प्रसारित हो रही है तो भारत में ‘गांधी गोडसे एक युद्ध’ 26 जनवरी को रिलीज हो रही है। एक भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दो दशक पहले गुजरात दंगे में बतौर सीएम उनकी भूमिका को लेकर सवालों के कठघरे में खड़ा करता है। तो, दूसरा 1948 में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की हत्या करने वाले नाथूराम गोडसे को महिमामंडित करता है।
गुजरात नरसंहार 2002 पर बीबीसी की डॉक्युमेंट्री काफी चर्चा में है। लेकिन उससे ज्यादा चर्चा अब उसके भारत सरकार के दबाव में आने की हो रही है। द टेलीग्राफ अखबार ने अपनी रिपोर्ट में इसकी चर्चा की है कि बीबीसी से सवाल तो पूछे ही जाएंगे कि आखिर उसने भारत में उस डॉक्युमेंट्री का प्रसारण क्यों रोका। पढ़िए पूरी रिपोर्टः
बीबीसी की डाक्यूमेंटरी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फिर से कठघरे में क्यों खड़ा कर दिया है? सुप्रीम कोर्ट की “क्लीन चिट” के बावजूद मोदी पर लगे आरोप धुलते क्यों नहीं हैं? क्या किसी साज़िश की वज़ह से ऐसा है? क्या गुजरात दंगों में उनकी भूमिका को लेकर संतोषजनक उत्तर न मिलने की वज़ह से बार-बार मोदी शक़ के दायरे से बाहर नहीं आ पा रहे?