महाराष्ट्र के 16 हज़ार से ज्यादा किसानों ने भले ही आत्महत्या कर ली हो, पिछले भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना के मंत्रियों के पिछले पांच साल बहुत मजे के रहे।
एक बार फिर सावरकर को भारत रत्न देने की बात उठी है और वह भी चुनावी मौसम में। इस बार यह बात भारतीय जनता पार्टी के घोषणा पत्र में छापकर चर्चा में लायी गयी है।
मोदी सरकार 1.0 में सबसे ज़्यादा किसी मंत्रालय के काम को सराहा गया था तो वह था नितिन गडकरी का जहाजरानी और भू-तल परिवहन मंत्रालय। लेकिन वही नितिन गडकरी महाराष्ट्र चुनाव में कहीं दिख क्यों नहीं रहे हैं?
महाराष्ट्र में चुनाव हैं इसलिए यहाँ पर प्याज चुनावी मुद्दा बनता दिख रहा है। किसान संगठनों ने प्रदेश में 'कांदा सत्याग्रह' शुरू कर दिया है। क्या चुनाव पर इसका असर पड़ेगा?
क्या कांग्रेस का शिक्षित बेरोज़गारों को 5000 रुपये प्रतिमाह बेरोज़गारी भत्ता देने का वादा महाराष्ट्र में युवा मतदाताओं को पार्टी की तरफ़ खींच पायेगा?
मुंबई और महाराष्ट्र की राजनीति के यौद्धा बाला साहेब ठाकरे के समय शिवसेना जितनी मजबूत दिखती थी वैसी अब नहीं दिखती।
बीजेपी आज उम्मीदवारों की सूची जारी कर सकती है। लेकिन उसकी सहयोगी शिवसेना ने बिना कोई सूची जारी किये रविवार को 9 प्रत्याशियों को एबी फ़ार्म दे दिए हैं।
चुनाव आयोग ने जब महाराष्ट्र की सातारा लोकसभा सीट पर उप चुनाव की घोषणा की तो कई सवाल खड़े हुए। आयोग ने अभी 21 सितम्बर को ही प्रदेश के विधानसभा चुनावों के साथ ही सातारा उप चुनाव की घोषणा क्यों की थी?
विधानसभा चुनावों में बराबर की सीटें लड़ने और महाराष्ट्र की राजनीति में बड़े भाई की हैसियत की बात करने वाली शिवसेना के तेवर अब नरम दिखाई दे रहे हैं।
कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) दोनों ही पार्टियों में नेताओं के दल-बदल का पतझड़ सा लग गया है।
महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव जल्द होंगे, लेकिन इस बार चुनावी चक्रव्यूह कैसा रहेगा? दलबदल का ‘खेल’ चलने से यह तय करना मुश्किल है कि चुनाव में विपक्ष किस रूप में खड़ा मिलेगा?
इस मामले में अदालत में अब तक पुलिस के द्वारा ठोस सबूत के नाम पर सिर्फ़ कुछ किताबें और सीडी दी गयी हैं।
रोज़गार के कम होते अवसर और मंदी की मार की वजह से इस साल महाराष्ट्र के इंजीनियरिंग महाविद्यालयों में 70% तक सीटें खाली हैं। एक दौर हुआ करता था जब इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रवेश को लेकर मारामारी रहती थी।
महाराष्ट्र में सहकारी बैंक घोटाले में अब शरद पवार का नाम जोड़ा गया है। अब इस मामले को भी उसी से जोड़कर देखा जाने लगा है कि क्या शरद पवार को घेरने की कोई योजना तो नहीं बनाई जा रही है?
महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक के हज़ारों करोड़ रुपये के घोटाले के मामले में एक साथ 51 नेताओं पर एफ़आईआर दर्ज की जाएगी। बॉम्बे हाई कोर्ट ने पाँच दिन में केस दर्ज करने का आदेश दिया।
महाराष्ट्र के कोल्हापुर, सांगली व सातारा ज़िले में बाढ़ ने तबाही मचा दी है। क्या यह बाढ़ बेतरतीब ढ़ग से शहरीकरण का नतीजा नहीं है?
चुनाव से पहले दोषियों को सज़ा दिलाने की बात कहने वाले कमलनाथ की सरकार क्या कर रही है? मध्य प्रदेश व्यापमं महाघोटाले के आरोपी पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा को भी हाल ही में कोर्ट से ‘क्लीन चिट’ मिल गई है।
राष्ट्रवादी कांग्रेस के गढ़ ठाणे, सोलापुर, सातारा, कोल्हापुर में चुनाव से पहले ही भारी भगदड़ मची हुई है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि इतने बड़े नुक़सान की भरपाई शरद पवार कैसे कर पाएँगे?
भीमा कोरेगाँव में 1 जनवरी 2018 को हुई हिंसा, उससे जुड़े लोगों की गिरफ़्तारी के पीछे अर्बन नक्सल और अब आतंकवादी नेटवर्क की जो बात पुलिस कह रही है, उसके मायने बेहद गंभीर हैं।
क्या अब जनता को आरटीआई उसके अधिकार से दूर रखने के प्रयास किये जा रहे हैं? यह सवाल केंद्र सरकार द्वारा लोकसभा में आरटीआई क़ानून को लेकर पास किये गये संशोधन बिल के बाद खड़े होने लगे हैं।
महाराष्ट्र में शिवसेना-बीजेपी गठबंधन में मुख्यमंत्री कौन होगा?, एक ऐसा यक्ष प्रश्न है जिसका उत्तर ना तो उद्धव ठाकरे ने कभी खुलकर दिया है ना ही मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडनवीस ने।
साल दर साल हादसे पर हादसे और जाँच पर जाँच होती है लेकिन सवाल वही खड़ा रहता है कि ऐसे हादसे कब रुकेंगे?
लोकसभा चुनाव के बाद पचास दिन हो गए लेकिन कांग्रेस अभी तक अपना अध्यक्ष तक नहीं चुन पाई है। राहुल कहते हैं कि वह बीजेपी, संघ से लड़ाई लड़ेंगे, लेकिन आख़िर कब?
डॉ. नरेंद्र दाभोलकर हत्या मामले में बार-बार जाँच एजेंसियों को देरी या निष्क्रियता को लेकर डाँट लगाती रही अदालत ने अब सत्ताधारी दल और सरकार को फटकार लगाई है। अदालत ने पूछा क्या राज्य सरकार राज्य में ऐसा ही चलते रहने देना चाहती है?
राहुल गाँधी ने कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफ़ा देने के साथ ही कई तरह के सवाल भी उठाये हैं। उन्होंने पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं पर भी कटाक्ष किया है।
प्रधानमंत्री मोदी की स्मार्ट सिटी की घोषणा को छोड़ दें तो उससे पहले भी मुंबई को कभी हांगकांग तो कभी शंघाई बनाने के सपने दिखाए गए। क्या बारिश के पानी में डूबा शहर स्मार्ट सिटी बन सकता है?