एक बार फिर सावरकर को भारत रत्न देने की बात उठी है और वह भी चुनावी मौसम में। इस बार यह बात भारतीय जनता पार्टी के घोषणा पत्र में छापकर चर्चा में लायी गयी है। अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने विनायक दामोदर सावरकर को भारत रत्न पुरस्कार देने की सिफ़ारिश राष्ट्रपति से की थी लेकिन वह स्वीकार नहीं हुई थी। तो अब क्या भारत रत्न पुरस्कार की बात एक नए सिरे से करके कोई राजनीतिक समीकरण तो नहीं साधने के प्रयास किये जा रहे हैं?