रोकैया सखावत हुसैन जिन्हें बेगम रोकैया के नाम से भी जानते हैं आज़ादी के पहले भारत में जन्मी एक प्रसिद्ध नारीवादी और नारी मुक्ति की अग्रदूत थीं। बेगम रोकैया ने 1905 में एक कहानी लिखी जिसका नाम था ‘सुल्ताना का स्वप्न’। कहानी में ‘सुल्ताना’ नाम की एक महिला की कल्पना की गई थी, जो लेडीलैंड नाम की एक जगह पहुँचती है। लेडीलैंड एक ऐसा स्थान था जहां महिलाओं को पढ़ने लिखने, काम करने और नवाचार करने की पूर्ण स्वतंत्रता थी। यहाँ महिलायें वर्षा को रोकने के उपाय खोजती हैं, हवाई कारें चलाती हैं। और सबसे खास कि पुरुषों द्वारा बनाए गए हथियार युद्धक टैंक आदि महिलाओं की बुद्धि व विवेक के सामने हरा दिए जाते हैं। थोड़ी देर बाद सुल्ताना की नींद खुल जाती है और वो पाती है कि नींद में थी न कि लेडीलैंड में।