रोकैया सखावत हुसैन जिन्हें बेगम रोकैया के नाम से भी जानते हैं आज़ादी के पहले भारत में जन्मी एक प्रसिद्ध नारीवादी और नारी मुक्ति की अग्रदूत थीं। बेगम रोकैया ने 1905 में एक कहानी लिखी जिसका नाम था ‘सुल्ताना का स्वप्न’। कहानी में ‘सुल्ताना’ नाम की एक महिला की कल्पना की गई थी, जो लेडीलैंड नाम की एक जगह पहुँचती है। लेडीलैंड एक ऐसा स्थान था जहां महिलाओं को पढ़ने लिखने, काम करने और नवाचार करने की पूर्ण स्वतंत्रता थी। यहाँ महिलायें वर्षा को रोकने के उपाय खोजती हैं, हवाई कारें चलाती हैं। और सबसे खास कि पुरुषों द्वारा बनाए गए हथियार युद्धक टैंक आदि महिलाओं की बुद्धि व विवेक के सामने हरा दिए जाते हैं। थोड़ी देर बाद सुल्ताना की नींद खुल जाती है और वो पाती है कि नींद में थी न कि लेडीलैंड में।
प्रियंका का स्त्री घोषणापत्र किसी क्रांति से कम नहीं!
- विमर्श
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- 31 Dec, 2021

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने महिलाओं के लिए जो घोषणापत्र जारी किया है उसका आख़िर क्या मायने है? क्या इसे सिर्फ़ कांग्रेस का आखिरी दांव कहकर खारिज किया जा सकता है?
इस कहानी के लिखने के लगभग 116 वर्षों बाद कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव और उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी 2022 में होने वाले विधानसभा चुनावों को देखते हुए एक मैनिफेस्टो जारी करती हैं जो इस संदर्भ में ऐतिहासिक है कि यह पहला ऐसा चुनावी मैनिफेस्टो है जो सिर्फ़ महिलाओं के लिए निकाला गया है। इस मैनिफेस्टो को कांग्रेस ने ‘शक्ति विधान घोषणा पत्र’ नाम दिया है।