किसी भी चुनाव में सरकारी कर्मचारियों की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है क्योंकि चुनाव कराने का सारा दारोमदार उन्हीं पर होता है। बहुत बड़े पैमाने पर चुनावी गड़बड़ियाँ संभव न भी हो मगर छोटे-छोटे स्तरों पर सरकारी कर्मचारी चुनाव को प्रभावित करने की ताक़त रखते हैं मसलन, वोटर आईडी के बिना ही किसी को फ़र्ज़ी मतदान करने देना। इसीलिए विपक्ष को हमेशा यह आशंका रहती है कि सत्तारूढ़ दल स्थानीय प्रशासन यानी सरकारी कर्मचारियों की मदद से परिणाम को प्रभावित करने की कोशिश करेगा।