2019 ने शीतयुद्ध का दूसरा बिगुल बजा दिया है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीते साल अक्टूबर में किए गए ऐलान के क्रम में रूसी रक्षा मंत्रालय दुनिया की सबसे पहली अभेद्य मैक 27 की गति से लक्ष्य भेदने में सक्षम हाइपरसोनिक मिसाइलें तैनात कर रहा है! मैक आवाज़ की गति के समतुल्य इकाई है। ये मिसाइलें आवाज़ से 27 गुना अधिक वेग से लक्ष्य तक पहुँचेंगी। अमरीका इज़रायल और पश्चिम के अन्य सभी देशों में से किसी के पास इन हाइपरसोनिक मिसाइलों को रोक कर नष्ट करने की क्षमता नहीं है ।
रूस ने तैनात कीं हाइपरसोनिक मिसाइलें
- दुनिया
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- 13 Jan, 2019

रूसी राष्ट्रपति पुतिन के बीते साल अक्तूबर में किये गये ऐलान के क्रम में रूसी रक्षा मंत्रालय दुनिया की सबसे पहली अभेद्य मैक 27 की गति से लक्ष्य भेदने में सक्षम हाइपरसोनिक मिसाइलें तैनात कर रहा है।
अभी तक रूस व भारत के संयुक्त प्रयास से विकसित ब्रह्मोस को ही दुनिया की सबसे तेज़ मिसाइल माना जाता था, जो आवाज़ से सात गुना तेज़ गति से लक्ष्य भेदने में सक्षम है, पर यह अधिकतम 300 किलोमीटर तक के लिए ही उपयोगी है। इसका पेलोड भी कम है।
'अवाँ गार्द' नाम की यह नई रूसी हाइपरसोनिक मिसाइलें दुनिया के किसी भी कोने तक पहुँच सकती हैं। इन्हे विशेष विमानों से भी दाग़ा जा सकता है और रूसी नौसेना के लिए पनडुब्बी संस्करण भी तैयार किया जा रहा है।
'अवाँ गार्द' नाम की यह नई रूसी हाइपरसोनिक मिसाइलें दुनिया के किसी भी कोने तक पहुँच सकती हैं। इन्हे विशेष विमानों से भी दाग़ा जा सकता है और रूसी नौसेना के लिए पनडुब्बी संस्करण भी तैयार किया जा रहा है।