अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को एक सनसनीखेज बयान में घोषणा की कि वाशिंगटन शुक्रवार यानी 4 जुलाई से 170 से अधिक देशों को टैरिफ़ पत्र भेजना शुरू करेगा। इन पत्रों में प्रत्येक देश के लिए निर्धारित ‘रेसिप्रोकल टैरिफ़’ की जानकारी होगी। यह ऐलान भारत और अमेरिका के बीच चल रही तनावपूर्ण व्यापार वार्ता के बीच आया है। यह बातचीत एक अंतरिम व्यापार समझौते की दिशा में बढ़ रही है। ट्रंप का यह क़दम वैश्विक व्यापार में एक नया तूफ़ान खड़ा कर सकता है और भारत जैसे देशों के लिए चुनौतियाँ बढ़ा सकता है।
शुक्रवार से देशों को भेजे जा रहे टैरिफ़ पत्र- ट्रंप; फिर से व्यापार युद्ध की आहट?
- दुनिया
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- 4 Jul, 2025
डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार से कई देशों को टैरिफ़ संबंधित पत्र भेजने की बात कही है, जिससे एक और वैश्विक व्यापार युद्ध की आशंका गहराने लगी है। जानिए इस कदम का संभावित असर।

टैरिफ़ पत्रों का मक़सद
ट्रंप ने अपने बयान में साफ़ किया है कि वह उन देशों पर टैरिफ़ लगाने की योजना बना रहे हैं जो अमेरिकी उत्पादों पर काफ़ी ज़्यादा आयात शुल्क लगाते हैं। उनका तर्क है कि यदि कोई देश अमेरिका से 100% या उससे अधिक टैरिफ़ वसूलता है तो अमेरिका भी उसी स्तर का टैरिफ़ वसूलेगा। इस ‘रेसिप्रोकल टैरिफ़’ नीति का उद्देश्य अमेरिकी व्यापार घाटे को कम करना और घरेलू उद्योगों को बढ़ावा देना है। ट्रंप ने कहा, 'मैं जटिल समझौतों के बजाय साधारण सौदे पसंद करता हूँ। हमारा लक्ष्य है कि अमेरिका को व्यापार में नुक़सान न उठाना पड़े।'