प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में पॉडकास्टर लेक्स फ्रिडमैन के साथ एक विस्तृत साक्षात्कार दिया जो एक दिन पहले रविवार को सार्वजनिक हुआ। आमतौर पर पारंपरिक मीडिया से दूरी बनाए रखने वाले पीएम मोदी का यह क़दम कई सवाल खड़े करता है। क्या वह अपनी अंतरराष्ट्रीय छवि को चमकाना चाहते हैं या भारत की विदेश नीति को मज़बूत करने की कोशिश कर रहे हैं? क्या बदलते विश्व व्यवस्था में वह खुद को पोजिशन कर रहे हैं या भारत को एक वैश्विक शक्ति के रूप में स्थापित करना चाहते हैं? 'टैरिफ़ वार' के इस उथल-पुथल के दौर में ट्रंप की तारीफ़, भारत-चीन संबंधों पर बयान और यूएन जैसी संस्थाओं को अप्रासंगिक बताने जैसे उनके विचारों के पीछे क्या मक़सद है? आइए, इस साक्षात्कार के मायने को समझें।
इंटरव्यू से बचने वाले पीएम मोदी का पॉडकास्ट क्यों, वैश्विक छवि की चिंता?
- विश्लेषण
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- 17 Mar, 2025
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पॉडकास्टर लेक्स फ्रिडमैन को एक व्यापक साक्षात्कार दिया। क्या यह उनकी वैश्विक छवि चमकाने की कोशिश है या भारत की विदेश नीति को मजबूत करने की रणनीति? जानें उनके बयानों के निहितार्थ।

यह साक्षात्कार ऐसे समय में सामने आया है जब वैश्विक मंच पर बड़े बदलाव हो रहे हैं। डोनाल्ड ट्रंप की अमेरिका में वापसी, रूस-यूक्रेन युद्ध का अनिश्चित दौर, भारत-चीन सीमा पर तनाव में कमी और पाकिस्तान की आतंकी छवि - ये सभी घटनाएं एक नई विश्व व्यवस्था की ओर इशारा करती हैं। ऐसे में पीएम मोदी का लेक्स फ्रिडमैन जैसे अंतरराष्ट्रीय मंच पर बोलना एक रणनीतिक क़दम लगता है। यह न केवल उनकी व्यक्तिगत छवि को मज़बूत करने, बल्कि भारत की विदेश नीति को वैश्विक संदर्भ में पेश करने का प्रयास हो सकता है।