कोविड ने सब कुछ बदल डाला। इसलिए सरकार 125 महामारी रोग अधिनियम बदलना चाहती है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसीलिए नया राष्ट्रीय सार्वजनिक स्वास्थ्य कानून का ड्राफ्ट तैयार किया है। जल्द ही इस पर जनता की राय मांगी जाएगी। इसके बाद इसे केंद्रीय कैबिनेट के पास भेजा जाएगा और संसद के मॉनसून सत्र में इसे पेश किया जाएगा। इंडियन एक्सप्रेस अखबार ने आज इस संबंध में एक विशेष रिपोर्ट प्रकाशित की है।


इस नए कानून के ड्राफ्ट में लॉकडाउन को परिभाषित किया गया है। बॉयो टेररिज्म (जैव आतंकवाद) की स्थिति आने पर क्या प्रोटोकॉल लागू होंगे, उसका भी विवरण है। सबसे बड़ी बात है कि हेल्थ इमरजेंसी के हालात होने पर केंद्र से लेकर राज्य और सबसे निचले स्तर ब्लॉक और ग्राम स्तर पर स्वास्थ्य सेवाओं और अन्य सेवाओं को किस तरह संचालित किया जाएगा, इसमें पूरा खाका पेश किया गया है। अगर स्पष्ट शब्दों में कहें तो इसके लागू होने पर निचले स्तर पर संबंधित अधिकारियों और प्रतिनिधियों को हालात को संभालने के लिए ज्यादा शक्तियां मिल जाएंगी।