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देश में एमपॉक्स का पहला केस आया; केंद्र बोला- लोगों को ख़तरा नहीं

जिस एमपॉक्स वायरस से अफ्रीकी देश जूझ रहे हैं उसका पहला केस भारत में भी मिला है। सरकार ने देश में एमपॉक्स के एक नए मामले की पुष्टि की है। हालाँकि इसके साथ ही इसने यह भी कहा है कि यह एक अलग मामला है और यह उस स्ट्रेन से अलग है जिसे विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ ने वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया था।

अफ्रीकी देश कांगो इससे सबसे ज़्यादा प्रभावित है। देश में इस साल जनवरी से अब तक 20 हज़ार से ज़्यादा मामले आ चुके हैं। हालाँकि जनवरी 2023 में मौजूदा प्रकोप शुरू होने के बाद से कांगो में 27,000 से अधिक मामले आए हैं और 1,100 से अधिक मौतें हुई हैं। इनमें से ज्यादातर बच्चे हैं। 

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पिछले हफ़्ते अफ़्रीकी देशों में 14 सदस्य देशों से 5,466 मामले सामने आए, जिनमें से 252 की पुष्टि हुई, और 26 और लोगों की संक्रमण से मौत हो गई। इस साल अफ़्रीकी क्षेत्र में दर्ज किए गए 24,851 मामलों में से 22,091 मध्य अफ़्रीका में थे, जिसमें प्रकोप का कांगो उपरिकेंद्र भी शामिल है। हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ द्वारा अफ्रीका में इस बीमारी के बढ़ते मामलों के बीच वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया गया है।

पिछले महीने ही पाकिस्तान में इस वायरस से संक्रमण के मामले आए थे। और अब भारत में। भारत ने सोमवार को एक युवा पुरुष में 'यात्रा-संबंधी' एमपॉक्स के पहले पुष्ट मामले की जानकारी दी है। उसकी जाँच की गई तो उसको पश्चिमी अफ्रीका से आए एक स्ट्रेन का पॉजिटिव पाया गया। सरकार ने कहा है कि मरीज की हालत स्थिर है। उसे वायरस संक्रमण के संदेह में वीकेंड में ही अलग कर दिया गया था। सरकार ने कहा कि इस समय जनता के लिए किसी बड़े जोखिम का कोई संकेत नहीं है।

एक बयान में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा, 'एमपॉक्स के पहले संदिग्ध मामले की पुष्टि यात्रा से संबंधित संक्रमण के रूप में की गई है। प्रयोगशाला परीक्षण ने रोगी में पश्चिम अफ्रीकी क्लेड 2 के एमपॉक्स वायरस की पुष्टि की है। यह मामला एक अलग मामला है, जो जुलाई 2022 से भारत में रिपोर्ट किए गए पहले के 30 मामलों के समान है और यह वर्तमान सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल का हिस्सा नहीं है, जो एमपॉक्स के क्लेड 1 के बारे में है।' 
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि एमपॉक्स से संक्रमित व्यक्ति को फिलहाल अलग-थलग रखा गया है और उसकी देखभाल की जा रही है।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा, 'स्थिति को नियंत्रित करने के लिए संपर्क ट्रेसिंग और निगरानी सहित सार्वजनिक स्वास्थ्य उपाय सक्रिय रूप से लागू हैं। इस समय जनता के लिए किसी भी बड़े पैमाने पर जोखिम का कोई संकेत नहीं है।' 

इससे पहले दिन में केंद्र ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एमपॉक्स के मामलों की ट्रैकिंग और निगरानी के मुद्दे पर एक नई सलाह जारी की। इसने राज्य सरकारों से सतर्क रहने और निगरानी की रणनीतियों और बीमारी के संदिग्ध और पुष्ट मामलों को ट्रैक करने और उनसे निपटने के लिए आइसोलेशन सुविधाएँ बनाने पर मंत्रालय के दिशानिर्देशों का पालन करने को कहा।

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स्वास्थ्य सचिव ने राज्यों से चार प्रमुख कदम उठाने का आग्रह किया है। सबसे पहले, राज्य और जिला-स्तरीय निगरानी टीमों को एमपॉक्स के संदिग्ध, संभावित और पुष्ट मामलों की परिभाषाओं के साथ-साथ संपर्क और निगरानी गतिविधियों के बारे में जानकारी देना। दूसरे, राज्यों से कहा गया है कि वे त्वचा और यौन संचारित संक्रमणों का इलाज करने वाले क्लीनिकों के स्वास्थ्य कर्मियों के साथ-साथ सरकार के एचआईवी नियंत्रण कार्यक्रम के तहत काम करने वाले लोगों को सभी आइसोलेशन प्रोटोकॉल का पालन करना होगा और इसके लक्षणों और उपचार के बारे में प्रशिक्षित करना होगा।

तीसरा, पत्र में राज्यों से समुदाय में संदिग्ध मामलों की जांच और परीक्षण करने का आग्रह किया गया है। संक्रमण सबसे अधिक यौन संचारित होने के कारण, एचआईवी नियंत्रण कार्यक्रम के तहत अस्पतालों या पहचाने गए स्थानों पर जांच की जा सकती है ताकि पुरुषों के साथ यौन संबंध रखने वाले पुरुषों और यौनकर्मियों तक पहुंचा जा सके। चौथा, स्वास्थ्य सेवा कर्मियों, अस्पतालों के भीतर पहचाने गए क्षेत्रों और समुदाय पर जोखिम के बारे में साफ़ संदेश पहुंचाया जाए।

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लक्षण क्या?

एमपॉक्स, चेचक के समान वायरस के परिवार से संबंधित है, लेकिन इसके लक्षण हल्के होते हैं। एमपॉक्स से संक्रमित लोगों को अक्सर दाने हो जाते हैं जो हाथ, पैर, छाती, चेहरे या मुंह या जननांग क्षेत्रों के पास हो सकते हैं। दाने आखिरकार फुंसी (मवाद से भरे बड़े सफेद या पीले दाने) और पपड़ी जैसे बन जाते हैं। संक्रमित व्यक्ति को बुखार, सिरदर्द और मांसपेशियों में दर्द होता है। दुर्लभ मामलों में, संक्रमण घातक हो सकता है।

कांगो में इसका प्रकोप एक स्थानीय स्ट्रेन क्लेड-I के फैलने से बढ़ा है। इसका एक नया वेरिएंट क्लेड Ib नियमित निकट संपर्क के माध्यम से अधिक आसानी से फैलता दिखता है। इसका प्रकोप कांगो से बुरुंडी, केन्या, रवांडा और युगांडा समेत पड़ोसी देशों में फैल गया है। 

जानिए, एमपॉक्स क्या है

एमपॉक्स एक वायरल बीमारी है जो मंकीपॉक्स वायरस के कारण होती है। यह ऑर्थोपॉक्सवायरस जीनस की एक प्रजाति है। वैज्ञानिकों ने इस वायरस की पहचान सबसे पहले 1958 में की थी, जब बंदरों में 'पॉक्स जैसी' बीमारी का प्रकोप हुआ था। एपी की रिपोर्ट के अनुसार, हाल ही तक मानव में इस बीमारी के अधिकांश मामले मध्य और पश्चिमी अफ्रीका के लोगों में देखे गए थे, जो संक्रमित जानवरों के साथ निकट संपर्क में थे।

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क़मर वहीद नक़वी
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