कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ आंदोलन कर रहे किसानों के आह्वान पर शनिवार को किया गया चक्का जाम शांतिपूर्ण रहा। दिल्ली और उत्तर प्रदेश-उत्तराखंड को जाम से बाहर रखा गया था। 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली के दौरान जिस तरह कुछ उपद्रवी तत्वों ने हिंसा का सहारा लिया, उसे देखते हुए किसान संगठन और पुलिस दोनों ही अलर्ट मोड में रहे। केंद्र सरकार ने दिल्ली के तीनों बॉर्डर्स पर आधी रात तक के लिए इंटरनेट को बंद कर दिया है।
किसान आंदोलन: शांतिपूर्ण रहा चक्का जाम, हरियाणा-पंजाब में दिखा असर
- देश
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- 6 Feb, 2021
कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ आंदोलन कर रहे किसानों के आह्वान पर देश के तीन राज्यों को छोड़कर सब जगह चक्का जाम किया जा रहा है।

चक्का जाम 12 से 3 बजे तक रहा। इस दौरान दिल्ली में कई मेट्रो स्टेशन को बंद रखा गया। किसी भी अप्रिय हालात से निपटने के लिए पुलिस, पैरामिलिट्री फ़ोर्स और अन्य सुरक्षा बलों के 50 हज़ार जवानों को दिल्ली-एनसीआर में तैनात किया गया था।
इस दौरान आपातकालीन और ज़रूरी सेवाओं वाले वाहनों जैसे- एंबुलेंस, स्कूल बस आदि को नहीं रोका गया। किसान आंदोलन का नेतृत्व कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा ने सभी किसानों और आंदोलनकारियों को निर्देश दिया था कि चक्का जाम पूरी तरह शांतिपूर्ण और अहिंसक होना चाहिए।
अंबाला के शंभू बॉर्डर, हरियाणा-राजस्थान के शाहजहांपुर बॉर्डर और दिल्ली-गुड़गांव के बॉर्डर पर प्रदर्शनकारियों ने जाम लगाया। पंजाब और हरियाणा में कई जगहों पर प्रदर्शनकारी सड़क पर उतरे और यहां जाम का ख़ासा असर देखने को मिला। महाराष्ट्र में भी चक्का जाम के समर्थन में किसान सड़कों पर उतरे।