Mood of the Nation Survey: देश में अगर अभी आम चुनाव हो तो एनडीए की सरकार बनेगी। इंडिया टुडे-सी वोटर सर्वे के मुताबिक हालांकि एनडीए की सीटें पिछले सर्वे के मुकाबलें कम आएंगी और बीजेपी अभी भी अपने दम पर सरकार बनाने से दूर रहेगी।
इंडिया टुडे-सीवोटर ने 1 जुलाई से 14 अगस्त 2025 के बीच किए "मूड ऑफ द नेशन" (MOTN) सर्वे से देश की राजनीतिक सोच बताई है। इसमें 2,06,826 लोगों की राय शामिल की गई। इस सर्वे के अनुसार, अगर आज लोकसभा चुनाव हों तो राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) को 324 सीटें और कांग्रेस के नेतृत्व वाले इंडिया ब्लॉक को 208 सीटें मिलने का अनुमान है। यह सर्वे 2024 के लोकसभा चुनाव नतीजों से तुलना करने पर कई महत्वपूर्ण बातों को बताता है।
NDA की स्थिति और BJP का प्रदर्शन
सर्वे के अनुसार, NDA को 324 सीटें मिलने का अनुमान है, जो 2024 के लोकसभा चुनाव में प्राप्त 293 सीटों से काफी अधिक है। यह NDA के लिए एक मजबूत प्रदर्शन को बताता है। हालांकि, फरवरी 2025 के सर्वे में NDA को 343 सीटें मिलने का अनुमान था, जो अब 19 सीटों की कमी दिखा रहा है। यह कमी NDA के लिए एक चेतावनी हो सकती है कि उसकी लोकप्रियता में कुछ कमी आई है।
सर्वे में कहा गया है कि BJP को 260 सीटें मिलने का अनुमान है, जो 2024 में प्राप्त 240 सीटों से मामूली बेहतर है, लेकिन बहुमत के लिए आवश्यक 272 सीटों से अभी भी कम है। यह बताता है कि BJP को अभी भी अपने सहयोगी दलों पर निर्भर रहना पड़ेगा। फरवरी 2025 के सर्वे में BJP को 281 सीटें मिलने का अनुमान था, जो अब 21 सीटों की कमी को बता रहा है। यह कमी BJP के लिए एक आंतरिक चुनौती है, खासकर जब वह "वोट चोरी" जैसे विपक्ष के आरोपों का सामना कर रही है।
NDA की बढ़त के बावजूद, BJP का बहुमत से पीछे रहना बताता है कि उनकी व्यक्तिगत लोकप्रियता में कुछ कमी आई है। यह शायद क्षेत्रीय मुद्दों, आर्थिक चिंताओं या विपक्ष के आक्रामक प्रचार का नतीजा हो सकता है। NDA की सफलता सहयोगी दलों की ताकत पर निर्भर करती है, जो गठबंधन की स्थिरता पर सवाल उठाता है।
इंडिया गठबंधन की स्थिति
सर्वे के अनुसार, इंडिया गठबंधन को 208 सीटें मिलने का अनुमान है, जो 2024 में प्राप्त 234 सीटों से कम है। हालांकि, फरवरी 2025 के सर्वे में अनुमानित 188 सीटों की तुलना में यह 20 सीटों की बढ़ोतरी बताता है। कांग्रेस को 97 सीटें मिलने का अनुमान है, जो 2024 में प्राप्त 99 सीटों से लगभग समान है, लेकिन फरवरी के 78 सीटों के अनुमान से बेहतर है।
राहुल गांधी के नेतृत्व में इंडिया गठबंधन ने कुछ हद तक अपनी स्थिति सुधारी है। सर्वे में 50% लोगों ने राहुल गांधी के विपक्ष के नेता के रूप में प्रदर्शन को "अच्छा" माना, और 28% ने इसे "शानदार" बताया। यह उनकी बढ़ती लोकप्रियता को बता रहा है। विशेष रूप से "वोट चोरी" जैसे मुद्दों पर BJP के खिलाफ आक्रामक रुख के कारण राहुल गांधी की लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है।
इंडिया गठबंधन की सीटों में कमी दर्शाती है कि 2024 के चुनावों में उनकी अप्रत्याशित सफलता को लगातार बनाए रखने में चुनौतियां हैं। क्षेत्रीय दलों के बीच आंतरिक मतभेद और हरियाणा, महाराष्ट्र जैसे राज्यों में हार ने उनकी एकजुटता को प्रभावित किया है। हालांकि, राहुल गांधी की बढ़ती लोकप्रियता और कांग्रेस की मामूली रिकवरी एक पॉजिटिव संकेत है, लेकिन यह गठबंधन की दीर्घकालिक रणनीति और एकता पर सवाल उठाता है।
सर्वे के मुताबिक क्षेत्रीय स्थिति कैसी है
सर्वे कुछ राज्यों में NDA की मजबूती को बता रहा है। उदाहरण के लिए, तमिलनाडु में DMK-कांग्रेस गठबंधन को 36 सीटें मिलने का अनुमान है, जबकि BJP को केवल 3 सीटें मिल सकती हैं। यह बताता है कि दक्षिण भारत में BJP की पैठ अभी भी सीमित है। उत्तर प्रदेश में NDA को 43-45 सीटें और इंडिया गठबंधन को 34-36 सीटें मिलने का अनुमान है, जो 2024 के नतीजों (43 सीटें इंडिया गठबंधन, 33 सीटें BJP) से उलट हैं।
क्षेत्रीय स्तर पर NDA की सफलता उनकी रणनीति और स्थानीय मुद्दों पर पकड़ को दिखाती है। हालांकि, तमिलनाडु जैसे राज्यों में उनकी कमजोर स्थिति यह संकेत देती है कि क्षेत्रीय दलों का प्रभाव अभी भी मजबूत है। उत्तर प्रदेश जैसे महत्वपूर्ण राज्यों में उनकी वापसी एक पॉजिटिव संकेत है, लेकिन यह उनकी दीर्घकालिक रणनीति पर निर्भर करेगा।
सर्वे की विश्वसनीयता और सीमाएं
सर्वे में 2,06,826 लोगों की राय शामिल की गई, जो इसे व्यापक बनाती है। हालांकि, सर्वेक्षण की विश्वसनीयता पर सवाल उठ सकते हैं। क्योंकि यह केवल एक समयावधि (जुलाई-अगस्त 2025) के मूड को दर्शाता है। मतदाताओं की राय तेजी से बदल सकती है, और क्षेत्रीय, आर्थिक या सामाजिक कारकों का प्रभाव सर्वे के अनुमानों को प्रभावित कर सकता है। सर्वे खुद बता रहा है कि फरवरी के सर्वे के मुकाबले एनडीए की सीटें घटी हैं और बीजेपी अभी भी अपने दम पर बहुमत से दूर है, इस बात को कायदे से रेखांकित नहीं किया गया है।
सर्वे की सटीकता पर इसलिए भी सवाल है, क्योंकि 2024 के लोकसभा चुनावों में कई सर्वे ने NDA की भारी जीत की भविष्यवाणी की थी। जो गलत साबित हुई। इसके अलावा, सर्वे में शामिल सैंपल का आकार बड़ा होने के बावजूद, यह क्षेत्रीय विविधताओं को पूरी तरह से नहीं बता पाया है।