सिक्योरिटी हेल्पर यानी सुरक्षा सहायक के तौर रूसी सेना में काम करने वाले भारतीयों को लेकर चिंताओं और रिपोर्टों पर भारत के विदेश मंत्रालय की ओर से बयान जारी किया गया है। विदेश मंत्रालय ने सोमवार को उन मीडिया रिपोर्टों को खारिज कर दिया जिनमें दावा किया गया था कि रूसी सेना में काम कर रहे भारतीय छोड़े जाने के लिए मदद मांग रहे हैं। इसने कहा है कि प्रत्येक मामले को रूसी अधिकारियों के साथ दृढ़ता से उठाया गया है। विदेश मंत्रालय का यह बयान तब आया है जब एक दिन पहले ही ख़बर आई है कि सिक्योरिटी हेल्पर के तौर रूसी सेना में काम करने वाले गुजरात के एक युवक की युद्ध क्षेत्र में मौत हो गई।
क्या भारतीय रूसी सेना छोड़ने के लिए मदद मांग रहे हैं? जानें एमईए क्या बोला
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- 29 Mar, 2025
सिक्योरिटी हेल्पर के तौर रूसी सेना में शामिल हुए गुजरात के युवक की युद्ध क्षेत्र में मौत के बाद सिक्योरिटी हेल्पर के तौर पर रूसी सेना में शामिल हुए लोगों को लेकर कई तरह के कयास लगाए जाने लगे हैं। जानिए, ऐसी ही ख़बरों को लेकर भारत के विदेश मंत्रालय ने क्या कहा है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल
रिपोर्ट है कि रूस में 23 साल के एक गुजराती युवक की मिसाइल हमले में मौत हो गई। वह सिक्योरिटी हेल्पर के तौर रूसी सेना में शामिल हुआ था। द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार हमले से बचकर निकले एक अन्य भारतीय कर्मचारी ने उसके बारे में जानकारी दी है। उसने कहा है कि 21 फरवरी को यूक्रेनी हवाई हमले में रूसी सेना द्वारा सुरक्षा सहायक के रूप में नियुक्त किया गया गुजरात का 23 वर्षीय व्यक्ति मारा गया। रिपोर्ट के अनुसार उसको फायरिंग करने की ट्रेनिंग दी जा रही थी, उसी समय मिसाइल से हमला हुआ। इस हमले में युवक की जान चली गई।