दुनिया भर में अभी तक यही आँकड़ा आया है कि कोरोना वायरस से महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों की ज़्यादा मौत हो रही है। इस पर सीधा सवाल यही कौंधता है कि ऐसा क्यों हो रहा है? क्या वायरस पुरुषों को चुन-चुन कर हमला कर रहा है? यह सवाल बचकाना लग सकता है, लेकिन गंभीर लोगों के मन में भी एक बार तो यह विचार आ ही जाएगा!
कोरोना से मर्द को ज़्यादा ख़तरा क्यों? क्या औरतें ज़्यादा ताक़तवर हैं?
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- 4 Apr, 2020

दुनिया भर में अभी तक यही आँकड़ा आया है कि कोरोना वायरस से महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों की ज़्यादा मौत हो रही है। इस पर सीधा सवाल यही कौंधता है कि ऐसा क्यों हो रहा है? क्या वायरस पुरुषों को चुन-चुन कर हमला कर रहा है?
इस सवाल के जवाब में अलग-अलग व्याख्याएँ और तर्क हो सकते हैं। जैसे, महिलाएँ घर से बाहर कम निकलती हैं इसलिए इस वायरस के संपर्क में कम आती हैं। या फिर पुरुष धूम्रपान ज़्यादा करते हैं और महिलाएँ कम। कोरोना वायरस का हमला भी फेफड़े पर होता है। एक यह भी दलील है कि महिलाएँ ज़्यादा स्वच्छता बरतती हैं। ये सब बातें सही हैं। लेकिन इसमें एक और ज़्यादा अहम बात है। और वह यह है कि सिर्फ़ कोरोना वायरस के मामले में ही नहीं, हर बीमारी से लड़ने और बीमारी से जल्दी उबरने में महिलाओं का ट्रैक रिकॉर्ड बेहतर रहा है।