प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को फोन कर ग़ज़ा शांति योजना की ऐतिहासिक सफलता पर बधाई दी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भारत अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार वार्ताओं में हुई अच्छी प्रगति हुई और दोनों नेताओं ने इसकी समीक्षा की। 

पीएम मोदी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, 'मेरे मित्र राष्ट्रपति ट्रंप से बात की और ग़ज़ा शांति योजना की ऐतिहासिक सफलता पर बधाई दी। साथ ही व्यापार वार्ताओं में हुई अच्छी प्रगति की समीक्षा की। आने वाले हफ्तों में निकट संपर्क में रहने पर सहमत हुए।' यह बातचीत भारत-अमेरिका संबंधों को पटरी पर लाने की दिशा में एक सकारात्मक क़दम मानी जा रही है, खासकर अगस्त 2025 में ट्रंप प्रशासन द्वारा लगाए गए 50% टैरिफ़ के बाद उत्पन्न तनाव के बीच।
यह कॉल ग़ज़ा युद्ध के ख़त्म होने की दिशा में ब्रेकथ्रू के ठीक बाद आया, जब हमास ने ट्रंप की 20-सूत्री शांति योजना के पहले चरण पर सहमति जताई। इस योजना के तहत सभी बंधकों की रिहाई, इसराइली सेना की वापसी और ग़ज़ा में अंतरिम सरकार की स्थापना का प्रावधान है। पीएम मोदी की बधाई न केवल क्षेत्रीय शांति के लिए भारत के समर्थन को दिखाती है, बल्कि द्विपक्षीय संबंधों को मज़बूत करने की कोशिश भी है।

पीएम ने की ट्रंप की सराहना

ट्रंप ने गुरुवार को अपनी ट्रुथ सोशल पोस्ट पर घोषणा की कि हमास और इसराइल ने उनकी शांति योजना के पहले चरण पर सहमति जताई है, जिसमें ग़ज़ा में युद्धविराम और बंधकों की रिहाई शामिल है। हमास ने कहा कि वह सभी बंधकों को रिहा करने को तैयार है और फिलिस्तीनी अंतरिम सरकार को सत्ता हस्तांतरित करेगा। यह समझौता मिस्र और कतर के मध्यस्थों के माध्यम से हुआ जो दो साल पुराने हमास के हमले की दूसरी वर्षगांठ के एक दिन बाद आया।
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पीएम मोदी ने पहले ही 4 अक्टूबर को एक्स पर पोस्ट किया था, 'हम राष्ट्रपति ट्रंप के नेतृत्व का स्वागत करते हैं क्योंकि ग़ज़ा में शांति प्रयास निर्णायक प्रगति कर रहे हैं। बंधकों की रिहाई के संकेत एक अहम कदम हैं। भारत टिकाऊ और न्यायपूर्ण शांति के सभी प्रयासों का मजबूती से समर्थन जारी रखेगा।' यह बयान भारत की अंतरराष्ट्रीय एजेंडे पर ग़ज़ा युद्ध के शीघ्र ख़त्म होने की प्राथमिकता को दिखाता है। 

पीएम के जन्मदिन पर भी हुई थी बातचीत

पीएम मोदी और ट्रंप की बातचीत में द्विपक्षीय व्यापार समझौते की वार्ताओं पर विशेष जोर रहा। सितंबर 2025 में पीएम के जन्मदिन पर ट्रंप के कॉल के बाद तीन महीने के अंतराल के बाद वार्ताएं फिर शुरू हुईं। दोनों नेताओं ने प्रगति को अच्छा करार दिया और आगामी हफ्तों में निकट संपर्क बनाए रखने पर सहमत हुए। 

2025 में भारत-अमेरिका व्यापार 212 अरब डॉलर तक पहुंचा था, लेकिन ट्रंप के टैरिफ ने इसे प्रभावित किया। फिर भी, विशेषज्ञों का कहना है कि वार्ता से टैरिफ में छूट मिल सकती है, जो भारत के निर्यात को राहत देगी।

क्या तनाव कम होगा?

अगस्त 2025 में ट्रंप प्रशासन ने भारत पर 25% जवाबी टैरिफ लगाया, जो 1 अगस्त की ट्रेड डील डेडलाइन के बाद लागू हुआ। इसके बाद रूस से तेल आयात के कारण अतिरिक्त 25% टैरिफ लगाकर कुल 50% कर दिया गया। यह टैरिफ भारत के 48.2 अरब डॉलर के निर्यात को प्रभावित कर सकता है, जिसमें रत्न-आभूषण, वस्त्र, सीफूड और फार्मास्यूटिकल्स प्रमुख हैं। 
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ट्रंप ने सोशल मीडिया पर भारत को 'मृत अर्थव्यवस्था' कहा था, जिससे संबंधों में और खटास आ गई। भारत ने इसे अनुचित बताया। हालांकि, फार्मा और इलेक्ट्रॉनिक्स को छूट मिली है। 

क्या ट्रंप के टैरिफ से भारत-अमेरिका में तनाव कम होगा? इस पर जानकारों का मत विभाजित है। इधर, भारत सरकार ने जीएसटी कम कर उपभोग बढ़ाने और निर्यात विविधीकरण की योजना बनाई है।