भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने बुधवार 25 जून को इतिहास रच दिया है। वे स्पेसएक्स ड्रैगन अंतरिक्ष यान के साथ बहुप्रतीक्षित एक्सियॉम-4 मिशन के तहत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) के लिए रवाना हुए। यह प्रक्षेपण बुधवार, 25 जून को दोपहर 12:01 बजे (भारतीय समयानुसार) कई बार की जद्दोजेहद के बाद हुआ। शुक्ला के साथ कई अन्य देशों के भी अंतरिक्ष यात्री हैं।
शुभांशु शुक्ला पिछले 41 वर्षों में राकेश शर्मा के बाद आईएसएस पहुंचने वाले पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री हैं। राकेश शर्मा ने 1984 में तत्कालीन सोवियत संघ के साल्युत-7 अंतरिक्ष स्टेशन पर आठ दिन बिताए थे।
शुक्ला के साथ 3 और यात्री भी
शुभांशु शुक्ला बच्चों की जिज्ञासा जगाना चाहते हैं
लखनऊ के मूल निवासी शुभांशु शुक्ला ने प्रक्षेपण से पहले अपने विचार साझा किए। उन्होंने एक्सियॉम-4 मिशन के यूट्यूब वीडियो में कहा, "यह एक अविश्वसनीय यात्रा रही है। ये ऐसे क्षण हैं जो आपको बताते हैं कि आप किसी ऐसी चीज़ का हिस्सा बन रहे हैं जो आपसे बहुत बड़ी है। मैं अपने आप को बेहद भाग्यशाली मानता हूँ कि मुझे इसका हिस्सा बनने का मौका मिला। मेरा प्रयास है कि इस मिशन के ज़रिए मैं देश में एक पूरी पीढ़ी को प्रेरित कर सकूँ। मैं इस अवसर का उपयोग बच्चों में जिज्ञासा जगाने के लिए करना चाहता हूँ। अगर मेरी कहानी एक भी जीवन को बदल दे, तो यह मेरे लिए बहुत बड़ी सफलता होगी।"
अंतरिक्ष में जाने वाले यात्री एकसाथ। इनमें शुभांशु शुक्ला बाएं से दूसरे नंबर पर हैं।
उन्होंने आगे कहा, "मुझे यह पता चला कि मैं अंतरिक्ष में जा रहा हूँ, जब हम एक्सियॉम में सिर्फ एक हफ्ता पहले आए थे, मैं बहुत उत्साहित और खुश था। क्योंकि यह मेरे लिए अंतरिक्ष में उड़ान भरने का एक अवसर था। ऐसी खबरों पर प्रतिक्रिया देना मुश्किल होता है।"
शुभांशु शुक्ला का प्रोफाइल
इस मिशन का महत्व
शुभांशु शुक्ला की यह उपलब्धि न केवल भारत के लिए, बल्कि पूरी दुनिया के लिए प्रेरणादायक है। उनकी यात्रा नई पीढ़ी को विज्ञान और अंतरिक्ष अनुसंधान की ओर आकर्षित करने का एक शानदार अवसर है।
अंतरिक्ष उड़ान में रुकावटें आम बात है
बहुप्रतीक्षित प्रक्षेपण पहले 29 मई के लिए तय किया गया था, लेकिन तकनीकी खराबी, फाल्कन-9, ड्रैगन अंतरिक्ष यान और अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर मौसम संबंधी मापदंडों के कारण कई बार देरी हुई। बुधवार को प्रक्षेपण सात बार देरी के बाद हुआ, क्योंकि स्पेसएक्स, एक्सिओम, नासा और इसरो ने गड़बड़ियों को ठीक करने और जैविक परीक्षण नमूनों को फिर से भरने के लिए कड़ी मेहनत की, क्योंकि चारों अंतरिक्ष यात्री लगभग एक महीने तक क्वारंटीन में रहे। मिशन कमांडर पैगी व्हिटसन ने कहा, "अंतरिक्ष उड़ान में रुकावटें और देरी होना आम बात है। हमारा एक्स-4 चालक दल उत्साहित है और अंतरिक्ष स्टेशन के लिए सुरक्षित और सफल उड़ान की प्रतीक्षा कर रहा है।"