लद्दाख पर ताजा अपडेट

  • सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी की देशभर में निन्दा हो रही है। सोशल मीडिया पर सोनम के समर्थन में अभियान। 

  • सोनम वांगचुक को 26 सितंबर 2025 को गिरफ्तार किया गया। 

  • गिरफ्तारी से पहले उनके घर की तलाशी ली गई। घर का सामान बिखेर दिया गया। 

  • वांगचुक पर आरोप है कि उन्होंने लोगों को भड़काने वाले बयानों से हिंसा उकसाई। 

  • उन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत गिरफ्तार किया गया है। 

  • गिरफ्तारी के बाद उन्हें लेह से बाहर ले जाया गया और राजस्थान के जोधपुर सेंट्रल जेल में स्थानांतरित किया गया। 

  • लद्दाख में इंटरनेट सेवाओं को लेह में बंद कर दिया गया है और कर्फ्यू का चौथा दिन है। 

  • केंद्र सरकार ने वांगचुक के एनजीओ SECMOL (Students’ Educational and Cultural Movement of Ladakh) का FCRA लाइसेंस रद्द कर दिया है। 

लद्दाख के पर्यावरण एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक को शुक्रवार 26 सितंबर को गिरफ्तार करके जोधपुर जेल भेज दिया गया है। केंद्र सरकार ने उन पर लेह के लोगों को भड़काने का आरोप लगाते हुए राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत गिरफ्तार किया। जिसमें बिना जमानत के लंबे समय तक जेल में रखा जा सकता है। वांगचुक को जोधपुर जेल में हाई-सिक्योरिटी सेल में रखा गया है, जहां 24 घंटे सीसीटीवी की निगरानी है।
गिरफ्तारी से पहले लद्दाख पुलिस ने वांगचुक के घर की तलाशी ली, जिसमें सामान इधर-उधर फेंका गया। वांगचुक की पत्नी गीतांजलि अंगमो ने आरोप लगाया कि सरकार उनके पति की छवि खराब करने के लिए झूठे आरोप लगा रही है। उन्होंने कहा, "पुलिस ने बताया कि सोनम को जोधपुर ले जाया जा रहा है।" वांगचुक ने गिरफ्तारी से पहले कहा था, "मैं गिरफ्तारी के लिए तैयार हूं, लेकिन जेल में मेरा होना सरकार के लिए ज्यादा समस्या पैदा कर सकता है।" लेह में गिरफ्तारी के बाद इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी गईं, कर्फ्यू लगा हुआ है और सुरक्षा बढ़ा दी गई।
24 सितंबर को लेह में प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाबलों के बीच झड़पें हुईं, जिसमें पुलिस वाहनों को आग लगाई गई और फायरिंग हुई। इसमें चार लोग मारे गए। गृह मंत्रालय ने वांगचुक पर "उत्तेजक भाषणों" का आरोप लगाया, जिसमें उन्होंने "अरब स्प्रिंग" और "नेपाल के ज़ेन जी" प्रदर्शनों का जिक्र किया। MHA के अनुसार, ये भाषण हिंसा का कारण बने। इसके अलावा, वांगचुक के एनजीओ 'स्टूडेंट्स एजुकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ लद्दाख' (SECMOL) का FCRA लाइसेंस रद्द कर दिया गया, जिसमें विदेशी फंडिंग के उल्लंघन का आरोप है।
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वांगचुक का शांतिपूर्ण आंदोलन

सोनम वांगचुक लंबे समय से लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने, छठी अनुसूची के तहत आदिवासी क्षेत्रों के लिए स्वायत्त शासन, नौकरियों और भूमि में स्थानीय लोगों के लिए आरक्षण जैसे मुद्दों पर शांतिपूर्ण आंदोलन चला रहे थे। 10 सितंबर को उन्होंने लेह में अनशन शुरू किया, जो 24 सितंबर को 15 दिनों बाद समाप्त हुआ, जब वहां हिंसा हो गई। सोनम ने हिंसा की निन्दा की और इसे अस्वीकार्य भी कहा। लद्दाख एपेक्स बॉडी (LAB) और कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (KDA) जैसे संगठनों के नेतृत्व में ये प्रदर्शन 2019 से चल रहे हैं, जब जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटा गया और लद्दाख की स्वायत्तता समाप्त कर दी गई थी।

लद्दाख की जनता ने स्पष्ट किया है कि वे अपने हक के बिना नहीं मानेंगे। LAB 29 सितंबर को दिल्ली में प्रतिनिधिमंडल भेजने की योजना बना रहा है, जहां केंद्र से बातचीत हो सकती है। हालांकि लद्दाख पर अगली बैठक 6 अक्टूबर को तय है। करगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (केडीए) के सज्जाद करगिली ने कहा, "यह बर्बर दमन है। हिंसा के बावजूद, हमारा शांतिपूर्ण आंदोलन जारी है और रहेगा। हमने 25 सितंबर को लद्दाख के समर्थन में करगिल में बंद आयोजित किया था।"

विपक्षी दलों ने वांगचुक की गिरफ्तारी की कड़ी निंदा की है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा, "यह गिरफ्तारी लद्दाख में कानून-व्यवस्था की विफलता से ध्यान भटकाने की कोशिश है। BJP ने 2020 के वादों को तोड़ा।" AAP नेता अरविंद केजरीवाल ने सरकार की तुलना रावण से की और कहा "तानाशाही का अंत बुरा होता है।" BRS नेता KTR ने इसे "लोकतंत्र में सवाल उठाने का अधिकार" बताया। जम्मू कश्मीर के सीएम उमर अब्दुल्ला ने इसे "दुर्भाग्यपूर्ण" कहा। लद्दाख के सांसद हाजी हनीफा ने कहा, "शांतिपूर्ण आंदोलन के लिए गिरफ्तारी निंदनीय है।" दिल्ली में AAP ने जंतर-मंतर पर कैंडल मार्च निकाला।
सोशल मीडिया पर भी प्रतिक्रियाएं काफी आ रही हैं। कांग्रेस की डॉ. शमा महमूद ने कहा, "यह गिरफ्तारी गलत है। सरकार लोकतंत्र को तानाशाही बना रही है।" अभिनेता प्रकाश राज ने लिखा, "पक्षी को कैद कर सकते हो, लेकिन उसके गीत को नहीं।" 
लद्दाख के निवासी त्सेरिंग गैफेल ने एक्स पर लिखा है-  मैं हर उस प्रभावशाली व्यक्ति को चुनौती देता हूँ जो बिना कुछ जाने-समझे ग़लत जानकारी फैला रहा है। लद्दाख जाकर किसी भी अनजान व्यक्ति का इंटरव्यू लो, सिवाय (बीजेपी के स्थानीय नेता के)। आप किसी को भी चुन सकते हैं, धार्मिक नेता, स्थानीय ग्रामीण, युवा, स्कूली छात्र या कोई भी। आपको सोनम वांगचुक के बारे में ग़लत कहने वाला कोई नहीं मिलेगा, बल्कि आपको उनकी बहुत तारीफ मिलेगी। क्योंकि हम सभी कई सालों से ज़मीनी हक़ीक़त जानते हैं।
अपने एक अन्य ट्वीट में लद्दाख के इस निवासी ने लिखा है- लद्दाखी लोग पिछले 5 सालों से शांतिपूर्ण विरोध मार्च, उपवास और पदयात्रा कर रहे हैं। हम हमेशा शांति और शांतिपूर्ण क्रांति में विश्वास करते हैं। उम्मीद है सरकार हमारी माँग पूरी करेगी और सीआरपीएफ द्वारा ली गई 4 निर्दोष जानों के लिए न्याय करेगी... सत्य सत्य ही रहेगा।