नरेंद्र मोदी सरकार चाहे जो दावे करे, सच यह है कि अर्थव्यवस्था लगातार तेज़ी से गिर रही है, संकट गहराता जा रहा है और स्थिति पहले से बदतर होती जा रही है। इतना ही नहीं, तमाम इन्डिकेटर बता रहे हैं कि निकट भविष्य में भी हालात सुधरने की कोई उम्मीद नहीं है। हालत यह है कि यदि सरकार ने तुरन्त कोई कोशिश नहीं की तो अर्थव्यवस्था भयानक मंदी के दौर में फिसल जाएगी, जहाँ से निकलना बेहद मुश्किल होगा।
कोर सेक्टर चार साल के न्यूनतम स्तर पर, वृद्धि दर शून्य के पास
- अर्थतंत्र
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- 1 Aug, 2019

अर्थव्यवस्था के गिरने की बात तो पहले से ही चल रही है, अब 8 सेक्टर 0.2 प्रतिशत तक पहुँच गए हैं, यानी शून्य वृद्धि दर के आसपास।



























