बैंकिंग सेक्टर में हलचल है। आरबीआई ने कर्ज बाँटने के लिए अब ऐसे नियम लगा दिए हैं जिससे कर्ज देने की रफ्तार धीमी पड़ेगी। बैंक ऑफ़ बड़ौदा से लेकर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया यानी एसबीआई तक चिंतित हैं। एसबीआई ने कहा है कि कर्ज में कमी आने की आशंका है। बैंक ऑफ़ बड़ौदा ने कहा है कि बफर कैपिटल पर असर पड़ेगा। एनबीएफसी यानी नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियों की तरफ़ से भी कर्ज कम होने की शिकायत की गई है। सरकार की योजना तो अधिक से अधिक कर्ज बाँटकर अर्थव्यवस्था को रफ़्तार देने की है। तो सवाल है कि आख़िर आरबीआई ने यह फ़ैसला क्यों लिया कि बाज़ार में लोगों को कम कर्ज मिले? क्या उस कर्ज के डूबने की आशंका है और फिर बैंकिंग सेक्टर पर संभावित संकट का डर?
क्या बैंकिंग सेक्टर पर संकट? कुछ कर्ज पर ब्रेक लगाने की कोशिश क्यों?
- अर्थतंत्र
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- 24 Nov, 2023
क्या भारतीय बैंकिंग सेक्टर किसी मुश्किल में है? आख़िर इन बैंकों द्वारा कर्ज बाँटे जाने पर आरबीआई कड़े नियम क्यों लगा रहा है? जानिए, क्या स्थिति है।

इस सवाल के जवाब से पहले यह जान लें कि आख़िर रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया यानी आरबीआई ने क्या फ़ैसला लिया है और इसका क्या असर हो रहा है।