देश के सबसे ग़रीब 20 फ़ीसदी परिवारों को हर महीने 6,000 रुपये देने के कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी के एलान के राजनीतिक मायने हो सकते हैं, लेकिन इसने कई सवाल भी खड़े कर दिए हैं। सवाल यह उठता है कि क्या किसी सरकार के लिए देश के 5 करोड़ परिवारों को हर महीने 6,000 रुपये देना मुमिकन है और यह भी कि क्या सरकार इस मद में हर साल 3.60  लाख करोड़ रुपये ख़र्च कर सकती है? क्या यह भी हर आदमी के बैंक खाते में 15 लाख रुपये डालने के नरेंद्र मोदी के वायदे जैसा हो जाएगा? क्या इसके बाद देश में कोई ग़रीब नहीं रह जाएगा? ये तमाम सवाल लाज़िमी है।