अगर आप मोबाइल ऐप से क़र्ज़ ले रहे हैं तो होशियार हो जाइये। कहीं ऐसा न हो कि आप को इसकी क़ीमत अपनी जान देकर चुकानी पड़े। ऐसे कई मामले आ चुके हैं, जब मोबाइल ऐप से आसान शर्तों पर क़र्ज़ लेने वाले क़र्ज़ के ऐसे जाल में फँसे कि उन्हे आत्महत्या करनी पड़ी। इससे जुड़ी माइक्रो-फ़ाइनेंस कंपनियों के एक बड़े रैकेट का भंडाफोड़ हुआ है।

सवाल यह है कि जिस माइक्रो फ़ाइनेंस ने बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था को नई ऊँचाइयाँ हासिल करने में मदद की, जिसकी वजह से इससे जुड़े एक व्यक्ति को नोबेल पुरस्कार मिला, वही माइक्रो फ़ाइनेंस क्यों और कैसे भारत में लोगों को आत्महत्या की ओर धकेल रहा है और पूरी अर्थव्यवस्था के लिए संकट खड़ा कर रहा है।