ख़राब आर्थिक हालत के लिए अब आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने सरकार को निशाने पर लिया है। राजन ने अर्थव्यवस्था की हालत पर चिंताजनक जताई है और कहा है कि मौजूदा फ़ैसला लेने वाली 'केंद्रीय सत्ता' भारत को एक 'अंधेरे और अनिश्चित रास्ते' पर ले जा रही है। उनका कहने का मतलब है कि अर्थव्यवस्था की ऐसी हालत इसलिए हुई है कि अर्थव्यवस्था पर फ़ैसले सभी पक्षों की राय लेकर नहीं, बल्कि केंद्र की सत्ता में कुछ गिने-चुने लोग ले रहे हैं और इससे बड़ा नुक़सान हो रहा है। राजन मोदी सरकार की नीतियों की कई बार आलोचना कर चुके हैं।
आर्थिक मंदी- सत्ता के केंद्रीकरण से भारत अँधेरे-अनिश्चित रास्ते पर: राजन
- अर्थतंत्र
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- 13 Oct, 2019
ख़राब आर्थिक हालत के लिए अब आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने सरकार को निशाने पर लिया है। राजन ने कहा है कि 'केंद्रीय सत्ता' भारत को एक 'अंधेरे और अनिश्चित रास्ते' पर ले जा रही है।

ब्राउन यूनिवर्सिटी में 9 अक्टूबर को ओपी जिंदल लेक्चर के दौरान राजन ने उन कारणों का ज़िक्र किया जिससे भारत की अर्थव्यवस्था डाँवाडोल स्थिति में पहुँच गई है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार राजन ने कहा, ‘भारत अपनी अर्थव्यवस्था को एक हद तक इसलिए भी नुक़सान पहुँचा रहा है क्योंकि यह बिना एक मज़बूत आर्थिक दृष्टि के सत्ता का केंद्रीकरण कर रहा है।’ मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, मौजूदा वित्तीय घाटे ने ‘बहुत कुछ छुपाया’ और अर्थव्यवस्था की वास्तविक तसवीर को सामने नहीं आने दिया। ‘द प्रिंट’ के अनुसार, राजन ने कहा कि वर्तमान वित्तीय घाटा अधिक था जिससे अर्थव्यवस्था की वृद्धि प्रभावित हुई। वास्तविक राजकोषीय घाटा केंद्र और राज्यों के सामूहिक आँकड़ों से 7 प्रतिशत अधिक हो सकता है।