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बीआरएस - गजवेल
जीत
कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद के दो दावेदारों- सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार ने मंगलवार को राज्य में सरकार गठन पर चर्चा करने के लिए कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे से अलग-अलग मुलाकात की। समझा जाता है कि अभी तक बैठक बेनतीजा रही क्योंकि पार्टी प्रमुख की ओर से सीएम के नाम पर कोई फ़ैसला नहीं किया गया है। उम्मीदवार के नाम पर कल यानी बुधवार को दोनों सीएम उम्मीदवारों के साथ दूसरे दौर की बैठक होगी।
इससे पहले खड़गे ने मंगलवार को राहुल गांधी के साथ करीब डेढ़ घंटे तक बंद कमरे में बैठक की। कांग्रेस महासचिव और कर्नाटक में पार्टी मामलों के प्रभारी रणदीप सुरजेवाला और कांग्रेस के महासचिव (संगठन) के सी वेणुगोपाल भी उस बैठक में उपस्थित थे।
राहुल से मुलाक़ात के बाद पार्टी प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे ने आज शाम को ही सीएम पद के दोनों दावेदारों के साथ बैठक की। मुख्यमंत्री पद नहीं दिए जाने पर पार्टी से इस्तीफा देने की ख़बरों पर पूछे जाने पर, डीके शिवकुमार ने आज दिन में कहा, 'मेरी मां मेरी पार्टी है, हमने इस पार्टी का निर्माण किया है। इस्तीफे का कोई सवाल ही नहीं है।' समझा जाता है कि सीएम पद की दौड़ में सिद्धारमैया सबसे आगे उभरे हैं, अधिकांश नवनिर्वाचित विधायकों ने उन्हें अपनी पसंद के रूप में नामित किया है।
इससे पहले कर्नाटक के सीएम को लेकर राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बीच बैठक हुई। खड़गे के घर पर कर्नाटक के कुछ विधायक भी मौजूद थे। खड़गे और राहुल किस नतीजे पर पहुंचे, अभी मीडिया को इसकी आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद को लेकर कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व अब बुधवार को फैसला ले सकता है। कर्नाटक प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार को लेकर तमाम तरह की कयासबाजियों का अंत हो गया है और वो आज दिल्ली पहुंचे हैं। डीके ने आज एएनआई को दिए इंटरव्यू में साफ कर दिया,
“
हम एकजुट हैं। आलाकमान जो तय करेगा, वो फैसला माना जाएगा। मैं सिद्धारमैया का बहुत सम्मान करता हूं। मैं पार्टी की पीठ में छुरा नहीं घोपूंगा।
डीके शिवकुमार, कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष
दरअसल, सोमवार को ही खड़गे, सोनिया गांधी और राहुल गांधी की बैठक में इस मुद्दे को हल किया जाना था लेकिन यह बैठक नहीं हो पाई। कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने इस बैठक को डीके शिवकुमार की गैरमौजूदगी की वजह से टाल दिया था।
खड़गे ने सोमवार को अपने द्वारा भेजे गए तीन पर्यवेक्षकों और राज्य के एआईसीसी प्रभारी रणदीप सुरजेवाला से रात को मुलाकात की। उन्होंने संगठन के प्रभारी एआईसीसी महासचिव केसी वेणुगोपाल के साथ भी बैठक की। पर्यवेक्षकों - सुशील कुमार शिंदे, एआईसीसी महासचिव जितेंद्र सिंह और पूर्व महासचिव दीपक बाबरिया ने खड़गे को "गुप्त मतदान" के नतीजे से अवगत कराया, जो उन्होंने रविवार रात बेंगलुरु में विधायकों के बीच आयोजित किया था।
राज्य पार्टी के सूत्रों के अनुसार, 135 विधायकों में से 90 ने सिद्धारमैया के समर्थन का संकेत दिया। पूर्व मुख्यमंत्री ने विधायकों की व्यक्तिगत राय लेने के लिए कांग्रेस पर्यवेक्षकों पर दबाव डाला था। बताया जाता है कि शिवकुमार समूह ने राय व्यक्त करने से परहेज किया है और निर्णय को आलाकमान पर छोड़ दिया है।
रविवार को बेंगलुरु में हुई कांग्रेस विधायक दल की बैठक में पार्टी अध्यक्ष खड़गे को अपना नेता चुनने के लिए अधिकृत किया गया, जो मुख्यमंत्री होगा।
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