कर्नाटक के धर्मस्थला विवाद ने राज्य में सामाजिक और सियासी तूफ़ान पैदा कर दिया है। राज्य सरकार ने इस घटना की जाँच के लिए विशेष जांच टीम यानी एसआईटी का गठन कर दिया है। कई सामाजिक संगठन भी इस मामले की सच्चाई सामने लाने की मांग में आंदोलन कर रहे हैं। दूसरी ओर, इस मुद्दे पर अदालत में जनहित याचिकाएँ भी दायर की गई हैं।

यह विवाद मंगलुरु के पास स्थित धर्मस्थला मंदिर परिसर में कई साल पहले कथित तौर पर सैकड़ों महिलाओं के यौन उत्पीड़न, रेप और हत्या के बाद उनके शव को गुपचुप तरीके से दफनाने का मामला सामने आने के कारण पैदा हुआ है।

नेत्रावती नदी के किनारे बसा धर्मस्थला मंजूनाथ (शिव) मंदिर काफी मशहूर है। यह हिंदू और जैन धर्म के आपसी सामंजस्य की एक अनूठी मिसाल भी है। इस मंदिर में पुजारी तो हिंदू हैं लेकिन इसका संचालन जैन धर्म से जुड़े लोग करते हैं। रोजाना दूर-दूर से हजारों श्रद्धालु यहां दर्शन के लिए पहुंचते हैं।

सफाई कर्मचारी का बड़ा खुलासा! 

लेकिन मंदिर के एक पूर्व सफाई कर्मचारी के खुलासे ने मंदिर प्रबंधन को कटघरे में खड़ा कर दिया है। उसने हाल में पुलिस के समक्ष और अदालत में दावा किया है कि वर्ष 1998 से 2014 के बीच उसे जबरन स्कूली छात्राओं समेत सैकड़ों महिलाओं को जलाने और दफनाने पर मजबूर किया गया था। बलात्कार के बाद उन सबकी हत्या कर दी गई थी। उसने पुलिस के समक्ष अपने बयान में कहा है कि इस काम से मना करने पर उसे मुंह बंद रखने और पूरे परिवार के साथ हत्या करने की धमकी दी गई थी। इस अपराध में मंदिर प्रबंध के कई बेहद प्रभावशाली लोग भी शामिल थे।

उस व्यक्ति की शिकायत के आधार पर बीती तीन जुलाई को धर्मस्थला थाने में एक मामला दर्ज किया गया। उस व्यक्ति की पहचान गोपनीय रखी गई है। उसने पुलिस को दिए बयान में कहा है कि करीब 11 साल पहले वो डर के मारे अपने पूरे परिवार समेत धर्मस्थला छोड़ कर चला गया था और पड़ोसी राज्य में गोपनीय रूप से रह रहा था। उसने पुलिस से अपने पूरे परिवार के लिए सुरक्षा मुहैया कराने का अनुरोध किया था।

सनसनी खुलासा करने वाला सफाई कर्मचारी वर्ष 1998 से 2014 के बीच मंदिर में काम करता था। उसने तस्वीरों और दफन किए गए शवों के अवशेषों के सबूत पुलिस को सौंपे हैं।

पुराने मामले भी सामने आए 

अब इस शिकायत के बाद बरसों पुराना एक मामला भी सामने आ गया है। बेंगलुरु की रहने वाली एक महिला ने भी बीते सप्ताह धर्मस्थला थाने में नए सिरे से दर्ज शिकायत में बरसों पहले अपनी लापता बेटी का पता लगाने की अपील की है। मणिपाल मेडिकल कॉलेज में पढ़ने वाली उसकी पुत्री वर्ष 2003 में धर्मस्य मंदिर परिसर से ही लापता हो गई थी।

इससे पहले वर्ष 2012 में सौजन्या नामक 17 साल की एक युवती के साथ रेप के बाद उसकी हत्या की घटना ने इलाके में काफी सुर्खियां बटोरी थी। इस मामले के इकलौते अभियुक्त को सबूतों और गवाहों के अभाव में हाल में एक स्थानीय अदालत ने बरी कर दिया था।

सरकार ने इस घटना की जांच के लिए अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) प्रणब मोहंती की अध्यक्षता में एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन कर दिया है। इस टीम से शीघ्र अपनी रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है।

मुख्यमंत्री ने क्या कहा है?

मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा है कि इस मामले में किसी भी अभियुक्त को बख्शा नहीं जाएगा। उनकी सरकार इस मामले से निपटने में किसी भी दबाव में नहीं आएगी।

धर्मस्थला मंदिर प्रशासन ने भी इस मामले में एसआईटी जांच का स्वागत किया है। श्री क्षेत्र धर्मस्थला मंजूनाथेश्वर मंदिर के प्रवक्ता के. पार्श्वनाथ जैन की ओर से जारी बयान में उम्मीद जताई गई है कि एसआईटी की जांच से हकीकत का खुलासा हो जाएगा