मध्य प्रदेश में रोजगार दिए जाने का एक अजीब मामला सामने आया है। लोगों को रोजगार देने के लिए मध्य प्रदेश में रोजगार कार्यालय स्थापित किए गए, लेकिन अप्रैल 2000 के बाद से राज्य में पंजीकृत 39 लाख पंजीकृत बेरोजगारों में से केवल 21 पुरुषों को रोजगार दिया गया। लेकिन क्या आपको पता है कि इन रोजगार कार्यालयों पर कितने खर्च आए? पिछले तीन साल में ही 16.74 करोड़ रुपये।
एमपी: रोजगार कार्यालय पर ख़र्च आए 16.7 करोड़, सिर्फ़ 21 को मिली नौकरी!
- मध्य प्रदेश
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- 15 Mar, 2023
बेरोजगारी के दौर में रोजगार देने के अजीबोगरीब तरीके अपनाए जा रहे हैं! करोड़ों रुपये ख़र्च कर यदि सिर्फ़ कुछ गिने-चुने लोगों को रोजगार दिया तो इसे क्या कहेंगे!

चौंकिए नहीं। यह बिलकुल सच है! तीन साल का यह चौंकाने वाला आँकड़ा 1 मार्च को एमपी विधानसभा में कांग्रेस विधायक मेवाराम जाटव के एक सवाल के जवाब में सरकार ने ही दिया है। एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार 1 अप्रैल, 2020 से मध्य प्रदेश के 52 जिलों में रोजगार कार्यालयों के संचालन के लिए लगभग 16.74 करोड़ रुपये खर्च किए गए। इन कार्यालयों में 37,80,679 शिक्षित और 1,12,470 अशिक्षित आवेदकों को पंजीकृत किया गया है। लेकिन सरकारी कार्यालयों और विभिन्न निगमों में केवल 21 आवेदकों को ही नौकरी दी गई है।