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बीजेपी विधायक केदारनाथ शुक्ला के साथ प्रवेश शुक्ला (बाएं)।

एमपीः आदिवासी वोट बैंक के “आड़े आये” बीजेपी नेता पर NSA, बुलडोजर रेडी

मध्य प्रदेश में भाजपा के एक नेता पर एनएसए लगा दिया गया है। उसके घर पर बुलडोजर भेजने की तैयारी कर ली गई है। इस भाजपा नेता पर आरोप है कि उसने शराब के नशे में धुत होकर एक विक्षिप्त आदिवासी युवक पर पेशाब किया है। यह घटना ऐसे समय हुई है जब सीएम से लेकर पीएम तक मध्य प्रदेश में आदिवासी मतदाताओं पर डोरे डालने में जुटे हुए हैं। आदिवासी वोटों की खातिर ही इस मामले में फौरन कार्रवाई की गई है। 
बता दें मध्य प्रदेश के सीधी ज़िले के भाजपा नेता प्रवेश शुक्ला को हिरासत में ले लिया गया है। एनएसए के तहत गिरफ़्तार आरोपी से पुलिस पूछताछ कर रही है। आरोप है कि प्रवेश ने शराब के नशे में धुत होने के बाद सीधी ज़िले के कुबरी बाज़ार में एक विक्षिप्त आदिवासी युवक पर पेशाब किया। प्रवेश द्वारा विक्षिप्त आदिवासी पर पेशाब करने का वीडियो बनाया गया और बाद में यह वायरल हुआ।
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ज़िले के कुबरी बाज़ार क्षेत्र में नौ दिनों पुराने घटनाक्रम का यह वीडियो मंगलवार को वायरल हुआ तो मध्य प्रदेश में राजनीति गरमा गई। विरोधी दलों ने सरकार और बीजेपी को निशाने पर ले लिया। वायरल वीडियो जमकर ट्रोल हुआ, लोगों ने बीजेपी पर खूब कटाक्ष किए। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान चौहान ने पूरे घटनाक्रम को घोर निंदनीय करार देते हुए कहा, “अपराध अक्षम्य और घृणित है। इसे जात-पात, पार्टी से जोड़ना ठीक नहीं। अपराधी की कोई जात-पात, धर्म-पार्टी नहीं होते। वह केवल अपराधी होता है।”
सीएम शिवराज ने आगे कहा, “घिनौना और मानवता को शर्मसार करने वाला अपराध करने वाले को बख्शा नहीं जाएगा। ऐसी सज़ा दिलाई जाएगी जो नज़ीर बनेगी। घिनौना अपराध करने की सोचने वालों में ख़ौफ़ पैदा करेगी।” मुख्यमंत्री के बयान के तुरंत बाद आरोपी प्रवेश को पुलिस द्वारा हिरासत में लेने और एनएसए लगाने की सूचना आ गई।
शर्मनाक घटना का आरोपी प्रवेश, सीधी जिले के क़द्दावर नेता और भाजपा विधायक केदारनाथ शुक्ला का प्रतिनिधि बताया गया है। सूचनाओं के अनुसार केदारनाथ शुक्ला ने प्रवेश शुक्ला को मध्य प्रदेश पूर्व विद्युत वितरण कंपनी में अपना प्रतिनिधि नियुक्त किया था। वह पार्टी के यूथ विंग का पोस्ट होल्डर भी है। प्रवेश द्वारा आदिवासी पर पेशाब करने का वीडियो वायरल होते ही केदारनाथ शुक्ला ने पल्ला झाड़ते हुए प्रवेश शुक्ला के विधायक प्रतिनिधि होने को ग़लत बताया। संबंधों को नकारा।
केदारनाथ शुक्ला के बयानों के बाद प्रवेश के साथ उनकी (केदारनाथ की) फ़ोटो सोशल मीडिया पर वायरल हुईं। बीजेपी के उस प्रेस नोट को भी वायरल किया गया, जिसमें प्रवेश शुक्ला को पार्टी के यूथ विंग (युवा मोर्चा में) पोस्ट दी गई।

आज चलेगा मामा का बुलडोजर

सीएम के रूख के बाद ज़िला प्रशासन हरकत में है। नगर पालिका ने भी आरोपी के अतिक्रमणों पर बुलडोज़र चलाने के लिए कमर भी कस ली है। बुलडोज़र चलाने की कार्रवाई आज ही संभावित है। हालांकि प्रवेश शुक्ला ने एक हलफ़नामा देकर वीडियो को फ़र्ज़ी करार दिया है। प्रवेश का दावा है, सुनियोजित तरीक़े से उसे विरोधियों ने फंसाया है।
84 आदिवासी सीटों का खेल ख़राबः मध्यप्रदेश की कुल 230 विधानसभा सीटों में 47 आदिवासियों के लिए रिज़र्व हैं। राज्य में क़रीब दो करोड़ आदिवासी हैं। रिज़र्व सीटों के अलावा 37 सीटें और भी ऐसी हैं जहां ट्राइबल वोट जीत-हार में महत्वपूर्ण रोल अदा करता है। कांग्रेस ने 2018 के विधानसभा चुनाव में 47 रिज़र्व सीटों में से 30 सीटें जीती थीं। जबकि भाजपा को 16 सीटें मिलीं थीं। आदिवासी सीटों की बदौलत ही कांग्रेस ने 114 का आंकड़ा छूकर भाजपा को सत्ता से बाहर किया था।

प्रदेश में 2013 के विधानसभा चुनाव में स्थितयां उलट रहीं थीं। आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित 47 सीटों में से भाजपा ने 31 सीटें जीती थीं, जबकि कांग्रेस के खाते में 15 सीट आयी थीं। बीजेपी के लगातार तीसरी बार सरकार बनाने की एक मुख्य वजह ट्राइबल सीटों की जीत का यह समीकरण भी रहा था।

राज्य की आदिवासी बाहुल्यता वाली 84 विधानसभा (क़रीब एक दर्जन लोकसभा सीटें इन विधानसभा सीटों के अंतर्गत आती हैं) सीटों पर ट्राइबल वोट बैंक को रिझाने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं। वे बार-बार मध्य प्रदेश आ रहे हैं। आदिवासियों के लिए तमाम घोषणाएं की जा रहीं हैं।
प्रधानमंत्री ने बीती 2 जुलाई के मध्य प्रदेश के शहडोल में आदिवासियों के साथ “खाट चर्चा” की थी। साथ खाना खाया। तरक़्क़ी के गुर दिए थे।शहडोल के जलसे में पीएम ने घोषणा की, “मध्य प्रदेश की गौंडरानी और आदिवासियों की अराध्य रानी दुर्गावती की 500वीं जन्म शताब्दी को पूरे देश में मनायेंगे। उनके इतिहास को देश से रूबरू करायेंगे। दुर्गावती के जीवन-शौर्य गाथाओं पर फ़िल्में बनवायेंगे। दिखवायेंगे।
पीएम मोदी ने नवंबर 2021 में (देश के पहले पीपीपी मॉडल वाले आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित किए गए) भोपाल के रानी कमलापति (हबीबगंज को नया नाम देकर) रेलवे स्टेशन को देश को समर्पित करने के साथ ट्राइबल वोट बैंक पर डोरे डालने की शुरुआत की थी।
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कमलापति रेलवे स्टेशन के लोकार्पण के बाद पीएम मध्य प्रदेश में आदिवासियों से जुड़े कई आयोजनों में प्रत्यक्ष रूप से आये, जबकि कई में वर्चुअली शामिल हुए हैं।
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क़मर वहीद नक़वी
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