11 अक्टूबर को लोकनायक जयप्रकाश नारायण की 120वीं जयन्ती है। जयप्रकाश नारायण उन राजनेताओं में रहे हैं, जिन्होंने  संसदीय राजनीति में सीधे हस्तक्षेप के बिना उसके चरित्र को बदलने और चुने हुए जन प्रतिनिधियों को जनता के प्रति जवाबदेह बनाने का प्रयत्न किया। कहना चाहिए कि आजादी के बाद महात्मा गांधी की राजनीतिक चेतना का विस्तार और तौर तरीकों का कुल अक्स जयप्रकाश नारायण की राजनीति का निहितार्थ है।