एक तरफ़ तो प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता का ग्राफ़ लगातार ऊपर की तरफ़ ही चल रहा है। लेकिन दूसरी तरफ़ उनकी सरकार के लिए एक के बाद एक चुनौतियाँ खड़ी होती जा रही हैं।
सुप्रीम कोर्ट के पाँच जजों ने अपनी भूमिका से आगे बढ़कर वह ज़िम्मेदारी भी अपने कंधों पर ले ली है जिसे पूरा करने में इस देश का राजनीतिक नेतृत्व लगातार नाकाम हुआ है।
सस्पेंस ख़त्म हो गया है। आख़िरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बैंकॉक में एलान कर दिया कि भारत आरसीईपी के समझौते पर दस्तख़त नहीं करेगा। यानी दुनिया के सबसे बड़े आर्थिक सहयोग समूह में भारत शामिल नहीं होगा।