भारत की इकोनॉमी में रफ्तार लौट आई है। चालू वित्तवर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी 13.5% बढ़ी है। अप्रैल से जून के बीच देश में हुए कुल कारोबार के हाल पर यह ताज़ा अनुमान केंद्रीय सांख्यिकी संगठन यानी सीएसओ ने जारी किया है। भारत की आर्थिक तरक्की पर नज़र लगाये ज्यादातर लोगों के लिए यह एक बड़ी खुशखबरी है। पिछली चार तिमाहियों में यह सबसे बड़ा उछाल है और शायद इस बात का संकेत भी कि देश की अर्थव्यवस्था आखिरकार पटरी पर लौटने में कामयाब हो रही है।

इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 13.5 फ़ीसदी की दर से जीडीपी के बढ़ने के मायने क्या हैं? क्या अर्थव्यवस्था पटरी पर लौट रही है? अब आगे कैसा रहेगा हाल?
सीएसओ के आँकड़ों के अनुसार मौजूदा दामों के हिसाब से यानी करेंट प्राइस की गणना पर देश की अर्थव्यवस्था का कुल आकार जून के अंत में 64.95 लाख करोड़ रुपए होने का अनुमान है, जबकि पिछले साल इसी तिमाही में यह आँकड़ा 51.27 लाख करोड़ रुपए था। इस गणित से तो यहाँ पूरे 26.7% का उछाल है जबकि इसके पिछले साल यह बढ़त 32.4% थी। इसे नॉमिनल जीडीपी कहा जाता है यानी जैसा दिख रहा है वैसा।