Satya Hindi News Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। सूत्र: पंजाब सरकार किसानों और केन्द्र दोनों को मनाने में लगी।तोमर बोले - क़ानूनों में क्या समस्या है इसका जवाब दो
कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ शामली में आयोजित किसान महापंचायत में बड़ी संख्या में किसान पहुंचे। जिला प्रशासन की ओर से इस महापंचायत की अनुमति नहीं दी गई थी।
ग़ाज़ीपुर बॉर्डर पर किसान आंदोलन में शामिल होने निकले एक किसान की मौत के बाद तिरंगे में लपेटे जाने पर उसकी पत्नी और भाई के ख़िलाफ़ यूपी पुलिस ने एफ़आईआर दर्ज की है। उन पर राष्ट्रीय झंडे का अपमान करने का आरोप लगाया गया है।
कृषि क़ानूनों को लेकर देश भर में चल रहे घमासान के बीच कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने शुक्रवार को राज्यसभा में एक बार फिर सरकार का पक्ष रखा है।
Satya Hindi News Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। अमेरिका के बयान के बाद भारत ने कैपिटल हिंसा का ज़िक्र किया । यूपी: शामली की महापंचायत के लिए नहीं दी गई इजाजत
भारत के किसान आंदोलन के साथ ग्रेटा तनबर्ग (थनबर्ग) के खड़े होने से मुश्किलें किसानों की भी बढ़ती दिख रही हैं और भारत सरकार की भी।
किसान आंदोलन पर अमेरिकी प्रतिक्रिया के एक दिन बाद अब भारत ने लाल क़िला और अमेरिकी संसद कैपिटल हिल हिंसा की तुलना की और कहा कि 'इनसे हमारे अपने-अपने देशों में स्थानीय क़ानूनों के अनुसार निपटा जा रहा है'।
बॉलीवुड की कई हस्तियों से लेकर खेल जगत के सितारों ने भी सरकार के सुर में सुर मिलाया लेकिन बॉलीवुड में ही कुछ लोग ऐसे भी हैं जो सरकार की राय से इत्तेफ़ाक नहीं रखते।
Satya Hindi News Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। हरसिमरत : किसानों को मौत की ओर धकेला जा रहा है । दिल्ली पुलिस ने कहा - ग्रेटा थनबर्ग के खिलाफ FIR नहीं
अमेरिका का इसके पीछे क्या एजेंडा है? मोदी के भाई ने ही उठाए जय शाह की योग्यता पर सवाल! सरकारी भोंपू बजाने वाले सितारों को क्या सीखना चाहिए? देखिए वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार का विश्लेषण। Satya Hindi
कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हो रही महापंचायतों में उमड़ रही जबरदस्त भीड़ से शायद योगी सरकार डर गई है।
मोदी समर्थक बॉलीवुड और क्रिकेट के स्टारों ने भी विदेशी हस्तियों द्वारा किसान आंदोलन के समर्थन को भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करार देते हुए उनकी आलोचना की है।
विपक्ष ने किसान आन्दोलन पर लोकसभा में चल रही बहस के दौरान सरकार से कहा कि तीनों कृषि क़ानूनों को तुरन्त वापस ले लिया जाना चाहिए। तृणमूल कांग्रेस के सदस्य डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि सरकार को इसके लिए एक विधेयक तैयार करना चाहिए।
मोदी सरकार के रवैये और किसान आंदोलन को समझने के लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री सोमपाल शास्त्री के साथ मुकेश कुमार की ये बातचीत ज़रूर देखें।
Satya Hindi News Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। चिदंबरम : अमेरिका की संसद पर हमले पर पीएम क्यों बोले?हरसिमरत : किसानों को मौत की ओर धकेला जा रहा है
पर्यावरणविद ग्रेटा थनबर्ग का किसान आंदोलन के प्रति समर्थन जाहिर करना दिल्ली पुलिस को नागवार गुजरा है।
गणतंत्र दिवस के दिन जब किसानों की ट्रैक्टर परेड बेकाबू हो गई और हज़ारों किसान तयशुदा रूट छोड़ कर और पुलिस बैरिकेड तोड़ कर दिल्ली में दाखिल हो गए थे तो लोगों को बरबस चौरी-चौरा कांड की याद आई थी।
कीलों की हटाने की फ़ोटो जैसे ही सोशल मीडिया पर वायरल हुईं तो ऐसा लगा कि दिल्ली पुलिस को शायद सरकार की ओर से ऐसा कोई आदेश आया होगा। क्योंकि इसे लेकर सरकार की लगातार आलोचना हो रही थी।
गणतंत्र दिवस पर किसान प्रदर्शन के दौरान हिंसा पर ट्वीट के लिए सामाजिक कार्यकर्ता योगिता भयाना पर केस दर्ज किया गया है। नोटिस भेजकर उन्हें पुलिस के सामने पेश होने के लिए कहा गया है।
Satya Hindi News Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। अब अमेरिका बोला- शांतिपूर्ण प्रदर्शन लोकतंत्र की पहचान । अमेरिका : कृषि क़ानून भारतीय बाज़ारों की दक्षता सुधारेंगे
कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ आन्दोलन कर रहे किसानों से मिलने ग़ाज़ीपुर गए सांसदों के प्रतिनिधिमंडल को उत्तर प्रदेश पुलिस ने रोक दिया है। दूसरी ओर, संसद में कृषि क़ानूनों पर बहस चल रही है।
किसान आंदोलन पर पॉप सिंगर रियाना के ट्वीट से भले ही बीजेपी सरकार बौखलाई हो, लेकिन इस बीच अमेरिका ने भी अब टिप्पणी कर दी है। भारत में किसान आंदोलन पर अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन लोकतंत्र की पहचान है।
क्या नरेंद्र मोदी सरकार और सत्तारूढ़ बीजेपी के लोग किसान आन्दोलन को मिल रहे अंतरराष्ट्रीय समर्थन से बौखला गए हैं? यह सवाल इसलिए उठ रहा कि सरकार की तरफ़ से ज़ोरदार जवाबी हमला बोला गया है।
बडे अंतरराष्ट्रीय सितारों के ट्वीट से परेशान क्यों सरकार ? क्या बीजेपी को होगा बडा नुकसान ? आशुतोष के साथ चर्चा में पुष्पेंद्र चौधरी, रविकांत, सतीश के सिंह, निर्मल पाठक, कार्तिकेय बत्रा, रवि आंबेकर !
सरकार ने दिल्ली के आसपास किसान आंदोलन के ख़िलाफ़ क़िलेबंदी कर दी है, मगर वह फैलता ही जा रहा है। सरकार द्वारा किसानों को बदनाम करने के हथकंडों का भी उल्टा असर हो रहा है। ऐसे में बेहतर है कि सरकार कानून वापस ले। ये कहना है कृषि विशेषज्ञ देवेंद्र शर्मा का। पेश है उनसे वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार की बातचीत।
Satya Hindi News Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। राकेश टिकैत : गद्दी वापसी की माँग की तो मुश्किल हो जाएगी ।संसद में गूँजा किसानों का मुद्दा, विपक्ष ने मोदी सरकार को जमकर घेरा