भारत के किसान आंदोलन के साथ ग्रेटा तनबर्ग (थनबर्ग) के खड़े होने से मुश्किलें किसानों की भी बढ़ती दिख रही हैं और भारत सरकार की भी। भारत सरकार को देश की वैश्विक छवि की चिंता है तो आंदोलनकारी किसानों को अपने देश से भावनात्मक लगाव बनाए और बचाए रखने की। मगर, सियासत अगर किसी की मज़बूत हो रही है या होने वाली है तो वह सत्ताधारी बीजेपी की ही है। अन्य किसी दल को इस प्रकरण से कोई सियासी फायदा नहीं होने वाला है, उल्टे उनका सियासी नुक़सान होगा।
किसान आंदोलन को कमज़ोर करता है ग्रेटा का अभियान
- विचार
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- प्रेम कुमार
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- 5 Feb, 2021

प्रेम कुमार
भारत के किसान आंदोलन के साथ ग्रेटा तनबर्ग (थनबर्ग) के खड़े होने से मुश्किलें किसानों की भी बढ़ती दिख रही हैं और भारत सरकार की भी।
ग्रेटा थनबर्ग के ट्वीट से जुड़े टूलकिट के ज़रिए तीन अभियान चलाए जा रहे हैं-
- किसान आंदोलन के प्रति समर्थन जुटाने का अभियान
- संयुक्त राष्ट्र में भारत की शिकायत का अभियान
- भारत को ब्रिटिश मदद रोकने के लिए ब्रिटिश सांसदों से समर्थन का अभियान
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प्रेम कुमार
प्रेम कुमार समसामयिक विषयों पर लिखते रहते हैं।