आर्थिक मोर्चे पर घिरी केंद्र सरकार को एक के बाद एक झटके लग रहे हैं। ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक़, अगस्त महीने में 8 कोर सेक्टर की विकास दर में बड़ी गिरावट दर्ज की गई है।
गिरती अर्थव्यवस्था के बीच ताज़ा ख़बर यह है कि केंद्र सरकार ने रिज़र्व बैंक से 30 हज़ार करोड़ रुपए का अंतरिम लाभांश माँगा है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को कॉरोपोरेट जगत को करोें में छूट देने के पीछे क्या थी वजह? बजट से निराश शेयर बाजार को 17.60 खरब रुपये का नुक़सान हो चुका है।
शेयर बाज़ार में भारी उछाल दर्ज किया गया है। बीएसई सेंसेक्स 2,250 अंक तो निफ़्टी 1,100 अंक उछला, ज्यादातर कंपनियों के शेयर तेज़ी से आगे बढ़े।
प्रत्यक्ष कर उगाही लक्षय से कम है, इसी तरह जीएसटी उगाही भी लक्ष्य से कम है। इससे साफ़ है कि आर्थिक मंदी गहराती जा रही है। इससे वित्तीय घाटे के बढने की भी आशंका है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिस समय अमेरिका जाकर निवेशकों से मिलने और उन्हें निवेश के लिए रिझाने की कोशिश कर रहे हैं, विदेशी निवेशकों ने भारतीय शेयर बाज़ार से पैसे निकालना शुरू कर दिया है।
सऊदी अरब में अरैमको के तेल संयंत्रों पर हमले के बाद भारतीय शेयर बाज़ार बुरी तरह गिरा, बीएसई सेंसेक्स 642 अंक टूटा। बीएसई के 30 में से 27 शेयर घाटे में बंद हुए।
सऊदी अरब के अबक़ैक और ख़ुरैश स्थित तेल संयंत्रों पर ड्रोन हमले की वजह से अंतरराष्ट्रीय कच्चा तेल बाज़ार में आग लग चुकी है और क़ीमत प्रति बैरल 12 डॉलर बढ़ चुकी है। इसका भारत पर क्या असर पड़ेगा?
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कई तरह के नए सुधारों का एलान किया है ताकि देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाया जा सके। उन्होंने निर्यात बढ़ाने के लिए कई महत्वपूर्ण स्कीमोें, छूटो और प्रशासनिक बदलावों का एलान भी किया।
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने कहा है कि भारत का विकास अनुमान से भी काफ़ी कम हुआ है। अब तो सरकार मान ले कि सबकुछ ठीक नहीं है।
सुब्रमण्यम स्वामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए कहा है कि उनके सलाहकार उन्हें अर्थव्यवस्था पर सही जानकारी नहीं देते।
सिर्फ़ बंबई स्टॉक एक्सचेंज में मोदी सरकार के 100 दिन में शेयरधारकों को 14 लाख करोड़ रुपए का नुक़सान हुआ है। इससे साफ़ है कि अर्थव्यवस्था बेहद बुरे हाल में है।
क्या हो गया हमारी अर्थव्यवस्था को? लोग क्यों भ्रष्टाचार में डूबी सरकार के मुखिया मनमोहन सिंह को एक बार फिर याद कर रहे हैं?
अर्थव्यवस्था के 8 कोर सेक्टर में जुलाई में ख़त्म हुई तिमाही में निगेटिव ग्रोथ दर्ज किया गया है। यानी पहले से कम कामकाज हुआ है। लेकिन सरकार चुप है।
जम्मू कश्मीर: ‘मचैल यात्रा’ रोकी गई।अब्दुल्ला: सरकार संसद में विशेष दर्जे पर दे आश्वासन।‘अयोध्या मंदिर सुनवाई की हो लाइव स्ट्रीमिंग’ । सत्य हिंदी न्यूज़ बुलेटिन
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मोदी सरकार 2.0 के पहले आर्थिक सर्वे में अगले साल के लिए 7 प्रतिशत जीडीपी वृद्ध दर की उम्मीद की गई है, जिसे पूरी तरह व्यावहारिक माना जा सकता है।
मध्य-पूर्व में 1 हज़ार सैनिक भेजने का एलान कर ट्रंप ने एक तरह से युद्धा का नगाड़ा बजा दिया है। पर क्या उनका इरादा ऐसा है या सिर्फ बंदरघुड़की से काम चलाना चाहते हैं। भारत पर इसका क्या असर पड़ेगा?
दो साल में कारों की बिक्री में कमी के कारण कार बेचने के धंधे में लगे लोगों को 2,000 करोड़ रुपये का नुक़सान हुआ है 3000 से ज़्यादा लोग बेरोज़गार हो गए हैं। यह अर्थव्यवस्था की मंदी की ओर इशारा करता है।
भारतीय जनता पार्टी भले ही यह दावा करे कि मोदी सरकार के दौरान विकास हुआ है, सच तो यह है कि अर्थव्यवस्था बुरे हाल में है। अर्थव्यवस्था के कई मानकों से यह साबित होता है
ऐसे समय जब नरेंद्र मोदी सरकार विकास के दावे बढ़ चढ़ कर रही है, विकास की रफ़्तार थमने के संकेत मिल रहे हैं। उपभेक्ता वस्तुओं की बिक्री कम होना एक और संकेत भर है।