क्या पंजाब कांग्रेस में एक बार फिर बड़े नेताओं के बीच टकराव देखने को मिल सकता है। चन्नी और नवजोत सिंह सिद्धू 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले क्या एक बार फिर उलझते दिखाई देंगे या एकजुट होकर पार्टी की मजबूती के लिए काम करेंगे।
क्या पंजाब में कांग्रेस की हालत और ख़राब होने वाली है? जानिए, पंजाब में शनिवार को कांग्रेस के कई बड़े नेताओं के बीजेपी में शामिल होने पर कैप्टन अमरिंदर सिंह ने क्या कहा।
नवजोत सिंह सिद्धू की बयानबाजियों और ढेरों गुस्ताखियों के बाद भी आज तक अगर उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई है तो क्या यह नहीं समझा जाना चाहिए कि गांधी परिवार का हाथ उनके सिर पर है?
बिट्टू के नजदीकी सूत्रों ने इस बात से इनकार किया है कि वह बीजेपी में शामिल होने जा रहे हैं। अहम बात यह है कि रवनीत सिंह बिट्टू पंजाब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद की दौड़ में भी हैं।
पंजाब और उत्तराखंड में कांग्रेस की करारी हार के पीछे वजह पार्टी नेताओं की गुटबाजी और खींचतान को माना गया है लेकिन हार के बाद भी नेता संभलने को तैयार नहीं हैं।
पंजाब में कांग्रेस की हार का सबसे बड़ा कारण पार्टी के बड़े नेताओं के बीच गुटबाजी को ही माना जा रहा है लेकिन इस करारी हार के बाद नेता शायद मानने के लिए तैयार नहीं हैं।
प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने सीएम के चेहरे के एलान से ठीक पहले यह बयान देकर कि ऊपर वाले कमजोर मुख्यमंत्री चाहते हैं अपने तेवर साफ कर दिए हैं।