पूर्व जज बी. जी. कोलसे पाटिल ने महाराष्ट्र के पूर्व एंटी टेररिस्ट स्क्वाड के प्रमुख हेमंत करकरे की हत्या का आरोप महाराष्ट्र पुलिस के ऊपर लगा दिया।
ट्रंप के दौरे के चलते अहमदाबाद में झुग्गी-झोपड़ियों के आगे दीवार बनाई जा रही है। लेकिन हुक्मरानों को यह समझना चाहिए कि दीवार खड़ी करने से ग़रीबी नहीं छुपेगी।
उद्धव ठाकरे ने भीमा कोरेगांव मामले की जांच एनआईए को सौंपने की मंजूरी दे दी है। बताया जाता है कि शरद पवार ठाकरे के इस फ़ैसले से ख़ुश नहीं हैं।
हिंदूवादी संगठन सनातन संस्था पर प्रतिबंध लगाए जाने का मामला एक बार फिर चर्चा में है। इस बार अदालत ने सरकार से पूछा है कि किसी भी संगठन पर प्रतिबंध लगाए जाने की क्या प्रक्रिया है?
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश किया, लेकिन शिक्षा के लिए उन्होंने क्या दिया? पिछले बजट में की गई घोषणाएँ कब पूरी होंगी और आख़िर ये बदलाव कब आयेंगे?
आज के मीडिया को कैसे देखा जाए? यदि इस सवाल का जवाब ढूँढना है तो डॉ. बाबासाहब आम्बेडकर की पत्रिका 'मूकनायक' से इसे समझना बेहद आसान है।
दो साल पहले हुआ भीमा कोरेगाँव हिंसा क्या तत्कालीन देवेंद्र फडणवीस सरकार का षडयंत्र था? महाराष्ट्र के एक प्रमुख समाचार पत्र ने शरद पवार द्वारा मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिए गए एक पत्र के हवाले से इस पर ख़बर छापी है।
महाराष्ट्र में राज ठाकरे ने अपनी पार्टी को नया 'लुक' दिया है। पार्टी ने स्थापना के 14वें साल पर पहली बार राज्य स्तरीय अधिवेशन बुलाया और न सिर्फ़ अपने झंडे का रंग बदला बल्कि कई और बदलाव किए।
महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे सरकार ने निर्णय लिया है कि राज्य में 26 जनवरी से सभी स्कूलों में प्रतिदिन सुबह प्रार्थना के बाद संविधान की प्रस्तावना का पाठ अनिवार्य होगा।
महाराष्ट्र में फडणवीस सरकार के दौरान 2019 में गणना के अनुसार खेती में प्रयोग किए जाने वाले बैलों की संख्या में 32% तथा दूध देने वाली गायों की संख्या में 13% की कमी आयी है।
कुछ श्रद्धालु पाथरी को साईं बाबा का जन्मस्थान मानते हैं जबकि शिरडी के लोगों का दावा है कि साईं बाबा का जन्मस्थान अज्ञात है। जन्म स्थान के इस विवाद को लेकर अब राजनीति गरमाने लगी है।
संजय राउत के करीम लाला-इंदिरा गाँधी मुलाक़ात वाले बयान पर विवाद क्यों? दावे यह भी कि करीम लाला तो शरद पवार, बालासाहब ठाकरे, राजीव गाँधी से भी मिलते रहे हैं।
'आज के शिवाजी- नरेंद्र मोदी' किताब को लेकर बीजेपी ने भले ही अपना पल्ला झाड़ लिया हो लेकिन महाराष्ट्र में इस किताब को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है।
राजनीतिक मत भिन्न रखने वाले कलाकारों की फ़िल्मों का बहिष्कार इस बात को स्पष्ट कर दे रहा है कि सिर्फ़ मीडिया ही 'गोदी मीडिया' नहीं बना है सिनेमा भी किसी ऐसे ही नाम का इंतज़ार कर रहा है।
पुस्तक 'आज के शिवाजी - नरेंद्र मोदी' को लेकर विवाद छिड़ गया है। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना छत्रपति शिवाजी महाराज से की गयी है।
एक पर्यटन स्थल के रूप में पहचान रखने वाले गेट-वे ऑफ़ इंडिया पर रात जो तसवीर थी वह 'इंडिया गेट' जैसी नज़र आयी जो अक्सर आंदोलनों-धरनों-प्रदर्शनों का गवाह रहा है।
आख़िर बीजेपी के नेताओं में सावरकर के प्रति अचानक इतना प्रेम कैसे उमड़ आया है। यह उनकी सावरकर के प्रति सच्ची श्रद्धा है या इसमें भी कहीं कोई राजनीतिक चाल छुपी हुई है?
महाराष्ट्र में हुए मंत्रिमंडल विस्तार से शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के कुछ नेता ख़ुश नहीं दिखाई दे रहे हैं। लेकिन क्या इससे सरकार की स्थिरता को कोई ख़तरा होगा?
राजस्थान के कोटा में सरकारी अस्पताल में एक माह में 77 बच्चों की मौत हो चुकी है। यह सब ऐसे माहौल में हो रहा है जब एक तरफ़ प्रदेश सरकार ने 'निरोगी राजस्थान' की मुहिम शुरू की है और 'राइट टू हेल्थ' देने की तैयारी कर रही है।
हर साल की तरह इस बार भी 1 जनवरी के क़रीब आते ही भीमा कोरेगाँव में गतिविधियाँ तेज़ हो गयी हैं।
दिल्ली में जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी में रविवार को हुए हिंसक प्रदर्शन की लपटें मुंबई तक पहुंच गई हैं।
गोपीनाथ मुंडे की पुण्यतिथि पर पंकजा मुंडे ने अपने समर्थकों की सभा बुलाकर अपनी ताक़त क्यों दिखाने वाली हैं? क्या वह कोई बड़ा एलान करने वाली हैं?
हमारी स्वास्थ्य सेवाएं इतनी लचर अवस्था में हैं कि भीषण अग्निकांडों में किसी तरह बच गए लोगों को बचा पाने में भी वे सक्षम नहीं हैं।
अब सवाल यह उठता है कि राजनीतिक दलों की इस तरह से चंदा उगाही प्रक्रिया पर अंकुश कैसे लगेगा?
महाराष्ट्र की सियासत में ख़ासे चर्चित रहे सिंचाई घोटाले में अजीत पवार के ख़िलाफ़ दो अलग-अलग हलफ़नामे अदालत में क्यों दाख़िल किए गए?
क्या महा विकास अघाड़ी की सरकार भीमा कोरेगाँव हिंसा प्रकरण की जाँच करवाएगी। और क्या नरेंद्र दाभोलकर हत्याकांड में महाराष्ट्र पुलिस की जाँच का नजरिया बदलेगा?