विकास दुबे मुठभेड़ को लेकर यूपी पुलिस पर उठने वाले सारे सवाल अब दफ़्न हो जाएँगे। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित जाँच आयोग ने अपनी रिपोर्ट में यूपी पुलिस को क्लीचिट दे दी है। इसने कहा है कि किसी ने एक सबूत भी पेश नहीं किया।
कानपुर के कुख्यात बदमाश विकास दुबे की हत्या के मामले में जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने दो लोगों के नामों को मंजूरी दे दी है। ये नाम उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से सुझाए गए थे।
सुप्रीम कोर्ट में विकास दुबे एनकाउंटर पर पुलिस का एफ़िडेविट जो दायर किया गया है उसमें झोल ही झोल हैं। हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे गैंग ने 8 पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी थी।
कानपुर के बिकरू गाँव में हुए 8 पुलिस वालों की हत्या और अभियुक्त विकास दुबे सहित छह लोगों के पुलिस मुठभेड़ में मारे जाने पर सुप्रीम कोर्ट ने योगी सरकार को फटकार लगायी है।
आठ पुलिस वालों की हत्या करने वाले विकास दुबे और उसके पाँच साथियों के एनकाउंटर के बाद बिकरू गाँव में लूटे गए हथियार बरामद करने के पुलिस के दावे पर भी सवाल खड़े हो गए।
विकास दुबे तो एक ऐसा बड़ा अपराधी था जिसे अपने अपराधों के लिए संवैधानिक न्याय प्रक्रिया के तहत मौत जैसी सजा मिलनी ही चाहिए थी। पर सवाल यह है कि पिछले तीन दशकों के बाद भी क्या पुलिस व्यवस्था में भी कोई परिवर्तन नहीं हुआ है?
Vikas Dubey Encounter: फ़र्ज़ी एनकाउंटर करने वाले पुलिस कर्मचारियों के लिए क्या है क़ानून? इन फ़र्ज़ी एनकाउंटर्स से आम जनता को क्या है ख़तरा? इन सभी मुद्दों पर जस्टिस मार्कंडेय काटजू के साथ वरिष्ठ पत्रकार विजय त्रिवेदी की खास बातचीत। Satya Hindi
विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद उत्तर प्रदेश में खलबली है। तमाम विपक्षी राजनीतिक दलों ने इसे लेकर योगी सरकार पर निशाना साधा है।
विकास दुबे का एनकाउंटर हो गया! क्या साथ में क़ानून और न्याय व्यवस्था का भी एनकाउंटर हो गया? आलोक अड्डा में आशुतोष, शीतल, हर्षवर्धन त्रिपाठी, शरद गुप्ता और राजकेश्वर सिंह!
संदेह व्यक्त किए जा रहे हैं कि उत्तरप्रदेश पुलिस ने गैंगस्टर विकास दुबे को फर्ज़ी एनकाउंटर में मार डाला है। सवाल उठता है कि उसे मारा गया है तो क्यों? उसकी मौत से किसको फ़ायदा होगा और क्या इस तरह से बिना न्यायिक प्रक्रिया के किसी को मारना उचित है? पेश है वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार की रिपोर्ट
विकास दुबे को क्यों मारा गया है ? क्या उसका ज़िंदा रहना कई बड़े लोगों के लिये ख़तरनाक था ?
विकास दुबे के एनकांउटर को लेकर कांग्रेस योगी सरकार पर हमलावर है।
उत्तर प्रदेश के कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे के उज्जैन में पकड़े जाने और एनकाउंटर तक को लेकर बीजेपी की फायरब्रांड नेता उमा भारती ने भी विकास के मध्य प्रदेश में प्रवेश से लेकर पहचान तक को लेकर सवाल दागे हैं।
कांग्रेस और बीएसपी ने सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में गैंगस्टर विकास दुबे कांड की जाँच की माँग की है। दोनों दलों का यह बयान विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद आया है।
विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद तमाम राजनीतिक दलों की ओर से तीख़ी प्रतिक्रियाएं आ रही हैं।
खूंखार अपराधी विकास दुबे का पुलिस द्वारा मारा जाना ‘एक्स्ट्रा-जुडिशल किलिंग’ है। फिर भी आम लोग इस बात से खुश हैं कि ‘अतातायी’ मारा गया। क्यों?
एडीजी ने कहा कि पुलिसकर्मियों ने विकास दुबे को घेरकर सरेंडर करने के लिए कहा लेकिन वह नहीं माना और पुलिस टीम पर फ़ायर करने लगा।
हर बार की ही तरह विकास दुबे के एनकाउंटर को लेकर भी मीडिया और आम लोग सवाल पूछ रहे हैं। ‘सत्य हिन्दी’ ने ऐसे दस सवालों की सूची तैयार की है।
उत्तर प्रदेश के गैंगस्टर विकास दुबे के एनकाउंटर पर मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के पूर्व महाधिवक्ता और राज्यसभा के सदस्य विवेक तन्खा ने कहा है कि गैंगस्टर विकास दुबे का अंत गोली नहीं फाँसी से होना चाहिए था।
कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे को तो उत्तर प्रदेश पुलिस ने एनकाउंटर में ढेर कर दिया लेकिन इसे लेकर उठ रहे कई अहम सवालों के जवाब देना शायद उसके लिए आसान नहीं होगा।
मुठभेड़ में शुक्रवार को विकास दुबे के मारे जाने से पहले गुरुवार को ही सुप्रीम कोर्ट में 'फ़ेक एनकाउंटर' को लेकर याचिका दाखिल की गई थी।
मुठभेड़ में मारे गए उत्तर प्रदेश के गैंगस्टर विकास दुबे के राजनीतिक संबंधों को लेकर यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने इशारों में कहा है कि विकास दुबे की मुठभेड़ यूपी सरकार को गिरने से बचाने के लिए हुई है।
उज्जैन में हुई गिरफ़्तारी के फ़ौरन बाद ही लखनऊ स्थित एसटीएफ़ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा था ‘उसे आने दीजिये। ...फिर उसकी साँसों की हमें कोई ज़रूरत नहीं।’
मध्य प्रदेश पुलिस द्वारा की गई पूछताछ में गैंगस्टर विकास दुबे ने चौंकाने वाला ‘कबूलनामा’ दिया।
गैंगस्टर विकास दुबे मुठभेड़ में मारा गया। उसके कई साथी मुठभेड़ में पहले ही मारे जा चुके हैं। उज्जैन में गिरफ़्तार हुए उत्तर प्रदेश के गैंगस्टर को कानपुर ले जाने के दौरान रास्ते में गाड़ी पलट गई।