loader

योगी के यूपी में महिलाएँ सुरक्षित हैं तो दुष्कर्म की वारदात क्यों?

लड़कियों को छेड़खानी से बचाने के नाम पर एंटी-रोमियो स्क्वैड बनाने वाली योगी सरकार के उत्तर प्रदेश में दिल को दहला देने वाले दुष्कर्म के मामले क्यों आ रहे हैं? अमरोहा में शनिवार देर रात भी ऐसा ही वहशीपन हुआ। दवा लेकर पति के साथ महिला जा रही थी। चार बदमाशों ने तमंचा दिखाकर पति के सामने ही उसके साथ बलात्कार किया। जब पति ने विरोध किया तो उसे गोली मार दी। हालाँकि, पति की जान बच गई, लेकिन उसकी पत्नी की अस्मिता लुट गई। यह कोई ऐसा अकेला मामला नहीं है। एक के बाद एक लगातार ऐसे मामले सामने आते रहे हैं। ऐसे में महिला सुरक्षा और चुस्त-दुरुस्त क़ानून-व्यवस्था की बात करने वाली योगी सरकार के दावे कितना पुख्ता हैं?

उत्तर प्रदेश में क़ानून-व्यवस्था को लेकर लगातार सवाल उठते रहे हैं। शनिवार रात महिला के साथ जो हुआ वह भी इसी क़ानून-व्यवस्था की स्थिति को उजागर करता है। ‘हिंदुस्तान’ की रिपोर्ट के अनुसार, अमरोहा के बछरायूँ क्षेत्र की महिला दवाई लेकर पति के साथ मायके जा रही थी। धनौरा में गढ़वाल एक्सप्रेस ट्रेन से उतरने के बाद ई-रिक्शा से दोनों जा रहे थे तभी दो बाइक पर सवार चार बदमाशों ने उनको रोक लिया। लूटपाट के बाद ई-रिक्शा वाले को भगा दिया और उन्हें सड़क किनारे खेत में ले गए जहाँ पर महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया। पति ने विरोध किया तो बदमाशों ने गोली मार दी। गोली हाथ में लगी। इसके बाद बदमाश भाग गए।
ताज़ा ख़बरें

रामपुर के मिलक क्षेत्र में भी महिला के साथ सामूहिक बलात्कार के बाद वीडियो वायरल करने की शर्मनाक घटना 16 जून को सामने आई थी। महिला पति के साथ दवा लेने जा रही थी। रास्ते में चार बदमाशों ने पति को पेड़ से बांधकर महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म कर दिया। अभियुक्तों ने घटना का वीडियो बना कर वायरल किया तो पीड़िता ने केस दर्ज कराया।

इसी साल मार्च में मेरठ में तीन लोगों ने एक महिला के साथ बलात्कार किया था और फिर उसका वीडियो बनाकर वायरल कर दिया था।  पीड़िता एफ़आईआर दर्ज करवाने के लिए पुलिस स्टेशन के चक्कर लगाती रही, लेकिन कई दिनों तक उसकी एफ़आईआर तक दर्ज नहीं की गई। 

बुलंदशहर के थाना अरनिया इलाक़े में पिछले साल 16 दिसंबर को एक महिला के साथ कथित तौर पर बलात्कार करने के बाद उसे ज़िंदा जला दिया गया था। हॉस्पिटल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी।

बता दें कि राज्य की योगी सरकार ने भी चुनाव के दौरान क़ानून व्यवस्था और महिला सुरक्षा को एक बड़ा मुद्दा बनाया था। सरकार बनने के बाद भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कहते रहे हैं कि जो अपराधी हैं, वे या तो सुधर जाएँ नहीं तो प्रदेश छोड़ के भाग जाएँ, अब उन्हें या तो जेल भेजा जाएगा नहीं तो एनकाउंटर कर दिया जाएगा। लेकिन प्रदेश के जो आँकड़े हैं वे राज्य में बदतर स्थिति की ओर इशारा करते हैं। 

हर रोज होते हैं आठ बलात्कार

उत्तर प्रदेश में महिलाओं के ख़िलाफ़ सबसे ज़्यादा अपराध होते हैं। प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा का क्या हाल है, वह इस बात से पता लगाया जा सकता है कि हर रोज़ यूपी में औसतन आठ महिलाओं के साथ बलात्कार की घटनाएँ होती हैं और क़रीब  30 से ज़्यादा महिलाओं का अपहरण कर लिया जाता है।

एक रिपोर्ट के मुताबिक़ उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने का वादा करने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के राज्य में हर रोज़ महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराध को लेकर 100 से ज़्यादा एफ़आईआर दर्ज की जाती हैं और कई मामले तो पुलिस में दर्ज नहीं हो पाते।

2017 से पहले उत्तर प्रदेश में बीजेपी सहित विपक्षी दल यह आरोप लगाते थे कि अखिलेश यादव सरकार में अपराधियों को संरक्षण दिया जाता है। योगी सरकार के सत्ता में आने के बाद लोगों को उम्मीद थी कि क़ानून व्यवस्था सुधरेगी और महिलाओं को सुरक्षा मिलेगी। लेकिन ऐसी घटनाओं से लगता है कि स्थिति नहीं सुधरी है।

उत्तर प्रदेश से और ख़बरें
आँकड़े और प्रदेश के हालात से साफ़-साफ़ पता चलता है कि महिलाओं की सुरक्षा का मामला राजनीतिक पार्टियों के लिए केवल चुनावी वादा ही होता है। महिलाओं की सुरक्षा प्राथमिकता में होती तो क़ानून-व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त की जाती, अपराधी पकड़े जाते और संबंधित पुलिसकर्मियों को इसके लिए जवाबदेह बनाया जाता। महिलाओं की सुरक्षा तो छोड़िए अक्सर ऐसी ख़बरें आती रही हैं कि पुलिसकर्मी दुष्कर्म पीड़ित महिलाओं से जिस तरह घटना की जानकारी माँगते हैं उनका तरीक़ा काफ़ी आपत्तिजनक होता है।
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

उत्तर प्रदेश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें