हाल में ग़ैर-हिंदुओं को चेतावनी देने वाले बोर्ड और मुस्लिम व्यापारियों और दुकानदारों के बहिष्कार झेलने वाले उत्तराखंड में अब मदरसा का मुद्दा उठ रहा है। बीजेपी के नेतृत्व वाली पुष्कर सिंह धामी सरकार ने मदरसों की पहचान करने का आदेश दिया है और राज्य में बिना पंजीकरण के चल रहे 200 से ज़्यादा मदरसों की पहचान की गई है। यही नहीं, अभी इनकी आगे की जाँच भी की जा रही है। कहाँ से इनको फंड मिलता है, दूसरे राज्यों से आए छात्रों की पूरी जानकारी क्या है। तो सवाल है कि आख़िर मदरसों की इतनी गहन जाँच क्यों की जा रही है?
उत्तराखंड में 'अवैध' मदरसों की पहचान क्यों की जा रही है?
- उत्तराखंड
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- 15 Jan, 2025
उत्तराखंड में आख़िर मदरसों की जाँच पड़ताल क्यों की जा रही है? क्या शिक्षा को सुधारना मक़सद है या फिर निशाना कुछ और? जानिए, राज्य मुस्लिमों से जुड़ी ख़बरों को लेकर चर्चा में क्या रहा है।

प्रतीकात्मक तस्वीर।
धामी सरकार ने यह आदेश किसलिए दिया है और मदरसा बोर्ड से जुड़े लोगों का क्या कहना है, यह जानने से पहले यह जान लें कि हाल के महीनों में उत्तराखंड मुस्लिमों से जुड़ी ख़बरों को लेकर चर्चा में क्यों रहा है। पिछले साल ही उत्तराखंड मुस्लिमों के ख़िलाफ़ फैलाई जा रही नफ़रत को लेकर सुर्खियों में रहा था।