उत्तर भारत में कुल जमा 2 ही ड्रामा स्कूल हैं और दोनों का बुरा हाल है। 'नेशनल स्कूल ऑफ़ ड्रामा' (एनएसडी) की तर्ज़ पर खोले गए इन स्कूलों में एक (भोपाल) में शिक्षण के लिए कोई फ़ैकल्टी (अध्यापक) नहीं है। 'स्कूल' के एक अदद शिक्षक को लॉकडाउन शुरू होने से पहले ही बाहर का रास्ता दिखा दिया गया और कोर्स को पूरा किये जाने की माँग को लेकर निदेशक कार्यालय के सामने धरने पर बैठे छात्रों में से 8 को बीते सोमवार 'स्कूल' से निष्कासित कर दिया गया है। उधर दूसरे 'स्कूल' (लखनऊ) में न निदेशक हैं न फ़ैकल्टी। निदेशक के पद पर 4 साल से 'स्कूल' का एक बाबू (क्लर्क) क़ाबिज़ है।