जिस तरह 'चिट्ठी' लिखने वाले वरिष्ठ कांग्रेसजनों के 'सिर' के ऊपर राहुल गांधी के युवा और 'जूनियर' चहेतों को लोकसभा और राज्यसभा की संसदीय पार्टी (सीपीपी) में बीते गुरुवार की देर रात को लादा गया है, वह पार्टी में आतंरिक लोकतंत्र की मांग पर भिनभिना जाने वाला कांग्रेस 'आलाकमान' के बदनीयत चेहरे को पर्दाफ़ाश करता है।
कांग्रेस ने अगर आंतरिक लोकतंत्र विकसित नहीं किया तो मिट जायेगी!
- विचार
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- 29 Aug, 2020

इस देश की पार्टीगत संरचना में कांग्रेस चूंकि सबसे पहली पार्टी है, लिहाज़ा पार्टी के आंतरिक लोकतंत्र की जड़ों में मट्ठा डालने का सबसे पहला काम भी उसी ने किया है। आगे चलकर मट्ठा डालने की उसकी प्रवत्ति हिंस्र होती चली गयी और तब उसकी देखा-देखी बाक़ी पार्टियों को भी यह एक 'सुविधाजनक' कार्रवाई दिखी।