संवैधानिक संस्था का अर्थ है वह संस्था जिसका संविधान में एक स्थान हो जिसे एक संवैधानिक जिम्मेदारी दी गई हो, जिसके क्रिया कलाप पर, लिए गए निर्णयों पर पूरी तरह भरोसा किया जा सके, जो सरकार या व्यक्ति से पहले लोकतंत्र के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को समझे। देश की सभी संवैधानिक संस्थाएं बहुत महत्व की हैं लेकिन सभी का महत्व एक जैसा नहीं है। मेरी नजर में कुछ संस्थाएं अत्यधिक महत्व की हैं, ऐसा महत्व जिनके बिना लोकतंत्र ढह जाएगा। कुछ संस्थाएं समान्य महत्व की हैं, जो लोकतंत्र के बने रहने में सहयोगी की भूमिका निभाती हैं।
भारत निर्वाचन आयोग, एक अत्यधिक महत्व की संस्था है। यहाँ तक कि भारत का सर्वोच्च न्यायालय भी यह निर्णय दे चुका है कि वो चुनाव के दौरान और चुनाव आयोजित करने की योजना में, आयोग के कार्यों में किसी भी किस्म की दखलंदाजी से बचेगा।