इसराइल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू
इसराइल ने संकेत दिए हैं कि वह ईरान के साथ चल रहे सैन्य संघर्ष को जल्द से जल्द समाप्त करना चाहता है। वॉल स्ट्रीट जर्नल ने सोमवार को यह जानकारी अपनी रिपोर्ट में दी है। इस रिपोर्ट से पहले इसराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की एक प्रेसकॉन्फ्रेंस का वीडियो सोमवार को सामने आया था, जिसमें वो भी इस तरह का संकेत देते दिख रहे हैं। नेतन्याहू के शब्द थे- वो क्षेत्रीय युद्ध को और नहीं बढ़ाना चाहते। इसराइल ईरान में अपना लक्ष्य पाने के करीब है। हालांकि इसराइल ने सोमवार को ही तेहरान में कई जगह हमला करके ईरान को भारी नुकसान पहुंचाया।
इसराइल ने 13 जून से शुरू हुए अपने हवाई हमलों, जिसे "ऑपरेशन राइजिंग लायन" नाम दिया गया है, के जरिए ईरान के परमाणु और सैन्य ठिकानों को अब तक भारी नुकसान पहुंचाया है। इसराइली अधिकारियों ने तब कहा था कि उनका लक्ष्य ईरान के परमाणु हथियार कार्यक्रम को नष्ट करना और क्षेत्रीय स्थिरता सुनिश्चित करना है।
ईरान ने इसराइल के इन्फ्रास्टक्चर को तबाह किया
इसराइल के आयरन डोम पर दबाव बढ़ा, इंटरसेप्टर्स की कमी
अमेरिकी अखबार वॉल स्ट्रीट जनरल ने पुष्ट सूत्रों के हवाले बताया कि इसराइल अब ईरान से युद्ध खत्म करना चाहता है। लेकिन क्यों... क्योंकि उसके आयरन डोम पर दबाव ज्यादा है। उसका यह सिस्टम धीरे धीरे कमजोर पड़ रहा है।
नेतन्याहू का बयान- हम लक्ष्य के करीब, मकसद पूरा होते ही लड़ाई रुकेगी
नेतन्याहू ने सोमवार को सामने आए एक पूर्व-रिकॉर्डेड प्रेस कॉन्फ्रेंस में पत्रकारों से बात करते हुए कहा, "हम अपने लक्ष्यों की ओर कदम-दर-कदम आगे बढ़ रहे हैं। हम इन्हें पूरा करने के बहुत करीब हैं।" उन्होंने जोर देकर कहा, "हम अपने मिशन को जरूरत से ज्यादा नहीं बढ़ाएंगे, लेकिन हम जल्दबाजी में खत्म भी नहीं करेंगे। जब लक्ष्य प्राप्त हो जाएंगे, तब ऑपरेशन पूरा होगा और लड़ाई रुक जाएगी।" इस लाइन को इस तरह समझा जा सकता है कि एक तरफ नेतन्याहू कह रहे हैं कि हम अपने लक्ष्यों को पाने के करीब हैं। फिर वो कह रहे हैं कि इस मिशन को जरूरत से ज्यादा नहीं बढ़ाएंगे। लक्ष्य पूरा होते ही लड़ाई रुक जाएगी।
इसराइली पीएम नेतन्याहू ने साफ शब्दों में कहा ईरान में हम लक्ष्य पाने के करीब। लक्ष्य हासिल होते ही लड़ाई रुक जाएगी। वॉल स्ट्रीट जनरल ने अधिकारियों के हवाले से यही बात कही है कि इसराइल अब पीछे हट रहा है।
नेतन्याहू का बयान और इसराइल के हालात
बहरहाल, नेतन्याहू का बयान इसराइल की आक्रामक लेकिन सावधानीपूर्वक रणनीति को दर्शाता है, जिसमें ईरान को कमजोर करना, क्षेत्रीय प्रभाव बढ़ाना, और आंतरिक समर्थन बनाए रखना शामिल है। हालांकि, उनके दावों की सफलता ईरान की प्रतिक्रिया, अमेरिकी समर्थन, और क्षेत्रीय स्थिति पर निर्भर करेगी। बयान में अस्पष्टता है। उसी से लगता है कि इसराइल अब लंबी लड़ाई नहीं लड़ना चाहता।