ईरान के चाबहार बंदरगाह के विकास की परियोजना भारत, ईरान और अफ़ग़ानिस्तान का एक ऐसा सपना है जिसे लेकर वैश्विक स्तर पर बहस छिड़ी हुई है। माना जा रहा है कि यह परियोजना चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे के तहत विकसित किये जा रहे ग्वादर प्रोजेक्ट का जवाब है। ग्वादर पाकिस्तान के बलूचिस्तान का वो बंदरगाह है जो चीन को सीधे हिंद महासागर तक पहुँच देता है।
चाबहार परियोजना की शुरुआत 2003 में अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के समय हुई थी, जब भारत और ईरान ने इस बंदरगाह को विकसित करने का समझौता किया। मनमोहन सिंह सरकार के दौर में इसमें गति आयी लेकिन अमेरिकी प्रतिबंधों की वजह से इसे रुकना पड़ा। फिर 2016 में पीएम नरेंद्र मोदी ने $500 मिलियन के समझौते पर हस्ताक्षर किए। इस समझौते के तहत चाबहार के शाहिद बेहेश्ती टर्मिनल को विकसित करने की योजना बनी।