जिन पहली बार वोट देने वालों को किसी राजनीतिक दल की हार-जीत तय करने वाला माना जाता है उनकी संख्या इस बार बिहार में बेतहाशा कम हुई है। बिहार चुनाव में पहली बार मत डालने वाले लोगों की संख्या में पिछले चुनाव की तुलना में 50 फ़ीसदी से भी ज़्यादा की कमी आई है। पहली बार वोट डालने वाले सामान्य तौर पर 18 से 19 साल के बीच के होते हैं। वैसे, वोट डालने वाले 30 साल से कम उम्र वर्ग में भी मतदाताओं की संख्या में भी 12.4 फ़ीसदी की कमी आई है। यह कमी क्या दिखाता है? क्या राजनीतिक दलों पर इसका असर पड़ेगा?
बिहार: पहली बार वाले वोटर 50% कम हुए, किसे नफ़ा-नुक़सान?
- बिहार
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- 25 Oct, 2020
बिहार चुनाव में पहली बार मत डालने वाले लोगों की संख्या में पिछले चुनाव की तुलना में 50 फ़ीसदी से भी ज़्यादा की कमी आई है। यह कमी क्या दिखाता है? क्या राजनीतिक दलों पर इसका असर पड़ेगा?

फ़ाइल फ़ोटो
इस सवाल का जवाब शायद राजनीतिक दलों के इस चुनाव अभियान को देखने पर भी मिल सकता है। आरजेडी ने बेरोज़गारी का मुद्दा छेड़ रखा है। आरजेडी नेता तेजस्वी यादवी की रैलियों में इतनी भीड़ उमड़ रही है कि उसके विरोधी दल भी सकते में आ गए। आरजेडी ने 10 लाख नौकरियों का वादा किया तो पहले तो बीजेपी ने आरजेडी का मज़ाक़ उड़ाया लेकिन बाद में युवाओं के गु़स्से का अहसास उसे भी हुआ।