मुज़फ़्फ़रपुर में इंसेफेलाइटिस यानी चमकी बुखार का प्रकोप तो क़रीब एक पखवाड़ा पहले ही शुरू हो गया था, लेकिन स्वास्थ्य विभाग की टीमें अब जाकर सक्रिय दिख रही हैं। आसपास के क्षेत्रों से लेकर पटना और दिल्ली से मेडिकल टीमें पहुँची हैं। अतिरिक्त एम्बुलेंस और कर्मचारी भेजे गए हैं। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी, इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च, नेशनल सेंटर फॉर डिजीज़ कंट्रोल के डॉक्टर, महामारी के विशेषज्ञ, सूक्ष्म जीवविज्ञानी और स्वास्थ्य शोधकर्ता भी भेजे गए हैं। इस बीच शुक्रवार को ही पाँच और बच्चों की मौत भी हो गई। हालाँकि, स्थिति काफ़ी हद तक संभली है और शुक्रवार को क़रीब 100 बच्चों को छुट्टी भी दी गई है। लेकिन अफ़सोस की बात है कि जैसी तेज़ी अभी दिखाई जा रही है वह एक पखवाड़े पहले नहीं थी। हालाँकि चमकी बुखार से आधिकारिक तौर पर पहली मौत 29 अप्रैल को ही दर्ज कर ली गई थी। यह तब है जब इस क्षेत्र में इंसेफेलाइटिस का प्रकोप हर साल होता है।
सवा सौ से ज़्यादा बच्चों की जान लेने के बाद चेती नीतीश सरकार
- बिहार
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- 22 Jun, 2019
हर साल चमकी बुखार से मौतें होती रही हैं। इस बार भी इसका प्रकोप क़रीब एक पखवाड़ा पहले शुरू हो गया था लेकिन अफ़सोस की बात है कि जैसी तेज़ी अभी दिखाई जा रही है वह एक पखवाड़े पहले नहीं थी।
